AIN NEWS 1: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और पेंशन की स्थिति को सुधारना है।
यूपीएस की मुख्य बातें
1. निश्चित पेंशन की व्यवस्था
यूपीएस के तहत, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन का 50% निश्चित पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी। यदि सेवा अवधि 10 से 25 साल के बीच होती है, तो पेंशन राशि उसी अनुपात में घटेगी।
2. फैमिली पेंशन
कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने की स्थिति में उनके परिवार को 60% पेंशन मिलेगी। यह राशि कर्मचारी की पेंशन का 60% होगी और यह परिवार के आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी।
3. न्यूनतम निश्चित पेंशन
इस योजना के तहत, कर्मचारियों को हर छह महीने की सेवा पर उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% न्यूनतम पेंशन के रूप में मिलेगा। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से कम सेवा की है, तो उन्हें कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी।
4. महंगाई भत्ते की व्यवस्था
पेंशन की राशि को महंगाई के साथ समायोजित किया जाएगा। यह महंगाई राहत ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइज़ेस फ़ॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स के इंडेक्स पर आधारित होगी। इस व्यवस्था का लाभ सेवारत कर्मचारियों को भी मिलेगा।
5. ग्रैच्युटी और एकमुश्त राशि
यूपीएस के तहत, नौकरी छोड़ने पर ग्रैच्युटी के अलावा एकमुश्त राशि भी दी जाएगी। इससे कर्मचारियों को अपनी सेवाओं की समाप्ति पर एक अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलेगी।
नई पेंशन स्कीम का निर्माण
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक विशेष कमिटी द्वारा किया गया। इस कमिटी ने विभिन्न राज्यों, लेबर संगठनों और विदेशों में मौजूद पेंशन सिस्टम की समीक्षा की। इसके बाद यूनिफाइड पेंशन स्कीम की सिफारिश की गई, जिसे अब सरकार ने मंजूरी दे दी है।
कर्मचारियों पर असर
इस योजना के लागू होने से कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। पहले कर्मचारी एनपीएस के तहत 10% अंशदान करते थे, वहीं अब इसे बढ़ाकर 18.5% कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और इसके लिए संबंधित नियमों को तैयार किया जाएगा। कर्मचारियों को एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक का चयन करने का विकल्प मिलेगा।
उठते सवाल
पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली की मांग करने वाले समूहों ने नई यूपीएस पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार नई पेंशन स्कीम दे सकती है तो पुरानी पेंशन स्कीम का विकल्प भी देना चाहिए। कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि यूपीएस की योजना एनपीएस से भी खराब हो सकती है, क्योंकि लंबी सेवा के बाद भी पेंशन का लाभ सीमित हो सकता है।
इस प्रकार, यूनिफाइड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार है जो उनकी पेंशन और सामाजिक सुरक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम है।