AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के आगरा में दंपत्तियों के बीच विवादों का समाधान परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से किया गया। हाल ही में दो अलग-अलग मामलों में समझौते के आधार पर समस्याओं का समाधान किया गया, जिसमें घरेलू खाने की व्यवस्था और फास्ट फूड की आदतों को लेकर समझौते किए गए।
पहला मामला एक महिला का था, जो शराब पीने की आदत से परेशान होकर 10 साल की शादी के बाद मायके में रह रही थी। पति ने पुलिस में शिकायत की और मामला परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंचा। काउंसलिंग के दौरान महिला ने बताया कि पति की शराब की लत के कारण घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। पति शराब पीने में सभी पैसे उड़ा देता था, जिससे घर में खाने-पीने की चीजें भी कम हो गई थीं। महिला ने यह भी कहा कि कम से कम बच्चों को अच्छा खाना मिले, इसीलिए घर में पनीर, कोरमा जैसे व्यंजन बनाने की शर्त पर पति से समझौता किया गया। काउंसलर डॉ. अमित गौंड ने दोनों पक्षों को समझाया और इस समझौते पर मोहर लगाई।
दूसरा मामला थाना सदर का था, जहां एक नवविवाहित जोड़े के बीच फास्ट फूड को लेकर विवाद हुआ। पति का कहना था कि पत्नी की फास्ट फूड खाने की आदत से वह परेशान है, जबकि पत्नी का कहना था कि पति फास्ट फूड को लेकर अत्यधिक पाबंदी लगाता है। इस मामले में काउंसलर ने सुझाव दिया कि हफ्ते में दो दिन फास्ट फूड खाने की शर्त पर दोनों का समझौता किया जाए। इस शर्त पर पति और पत्नी राजी हो गए और इस विवाद का समाधान हुआ।
रविवार को परिवार परामर्श केंद्र में कुल 108 मामले पहुंचे, जिनमें से 11 मामलों में समझौता हुआ, जबकि 40 मामलों के लिए अगली तारीख दी गई। काउंसलर डॉ. अमित गौंड ने बताया कि इस प्रकार की काउंसलिंग से दंपत्तियों के बीच आपसी विवादों को सुलझाने में मदद मिलती है और परिवारों में शांति बनी रहती है।
इन मामलों से स्पष्ट होता है कि कई बार छोटी-छोटी आदतें और समस्याएं बड़े विवादों का कारण बन सकती हैं, लेकिन समझौते और संवाद के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान संभव है।