AIN NEWS 1 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा पेश किए गए हलफनामे को गैर-अनुपालन से भरा हुआ बताया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) हरियाणा के सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करे।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को अगली बुधवार को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। उन्हें यह बताना होगा कि violators और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि आदेशों के अनुपालन में क्या समस्याएं आईं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
1. हलफनामा की जांच: कोर्ट ने हरियाणा का हलफनामा खारिज करते हुए कहा कि इसमें सुधार के लिए जरूरी कदमों का उल्लेख नहीं किया गया है।
2. दंडात्मक कार्रवाई: CAQM को आदेश दिया गया है कि वह हरियाणा के सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करे। यह निर्देश इस तथ्य को देखते हुए दिया गया है कि प्रदूषण के मामलों में अधिकारियों की लापरवाही गंभीर है।
3. उपस्थित होने का निर्देश: हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया गया है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह जरूरी है कि राज्य सरकारें वायु गुणवत्ता के मुद्दे को गंभीरता से लें।
कोर्ट ने अधिकारियों की अनुपस्थिति और गैर-अनुपालन को गंभीरता से लिया है और इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है।
इस मामले में कार्रवाई न होने से स्पष्ट होता है कि राज्य सरकारें अपने दायित्वों को ठीक से निभा नहीं रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय वायु प्रदूषण की समस्या पर ध्यान केंद्रित करता है, जो देश के कई हिस्सों में गंभीर रूप धारण कर चुका है। इसके तहत, कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि राज्य सरकारें और संबंधित अधिकारी इस मुद्दे को गंभीरता से लें और प्रभावी कदम उठाएं।
आगामी सुनवाई में यदि मुख्य सचिव अपने उत्तर में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। यह मामला न केवल हरियाणा और पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि प्रदूषण नियंत्रण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक ठोस कदम उठाया है, जिससे उम्मीद है कि राज्य सरकारें अपने कार्यों में सुधार करेंगी और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।