AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए आचार संहिता लागू कर दी गई है। यह आचार संहिता नौ जिलों में प्रभावी हुई है, जहां मतदान 13 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। उपचुनाव के लिए अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी की जाएगी।
प्रभावित जिले
आचार संहिता मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, मैनपुरी, कानपुर नगर, प्रयागराज, अंबेडकरनगर और मिर्जापुर में लागू की गई है। राज्य की राजधानी क्षेत्र और नगर निगम क्षेत्र में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता केवल उसी क्षेत्र में लागू होती है। जबकि अन्य क्षेत्रों में विधानसभा उपचुनाव होने पर पूरे जिले में आचार संहिता लागू होती है।
मिल्कीपुर का मामला
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा अभी नहीं की गई है। इसका कारण यह है कि वहां के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। बाबा गोरखनाथ ने आरोप लगाया था कि सपा नेता ने चुनाव में गलत हलफनामा दाखिल किया था।
याचिका के कारण, चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर सीट के लिए उपचुनाव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। यदि अदालत ने गोरखनाथ के तर्कों को उचित माना, तो उन्हें विजयी घोषित किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में कोर्ट चुनाव आयोग को दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी को विजयी घोषित करने का आदेश दे सकती है।
उपचुनाव के लिए सीटें
यूपी में उपचुनाव कुल 10 सीटों पर होना है, जिनमें से 9 की घोषणा की गई है। ये सीटें हैं:
1. करहल (मैनपुरी)
2. सीसामऊ (कानपुर)
3. मिल्कीपुर (अयोध्या)
4. कटेहरी (अंबेडकरनगर)
5. कुंदरकी (मुरादाबाद)
6. खैर (अलीगढ़)
7. गाजियाबाद
8. फूलपुर (प्रयागराज)
9. मझवा (मिर्जापुर)
10. मीरापुर (मुजफ्फरनगर)
सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के सजा होने से रिक्त हुई है, जबकि अन्य 9 विधायक लोकसभा सदस्य बन चुके हैं।
निष्कर्ष
उपचुनाव की प्रक्रिया में आचार संहिता का पालन आवश्यक है। सभी राजनीतिक दलों को इस दौरान नियमों का पालन करना होगा। मिल्कीपुर सीट पर चल रहा मामला चुनावी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जिससे आने वाले चुनावों में संभावित परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।