AIN NEWS 1: हाल ही में उत्तर प्रदेश के बहराइच, देवरिया और अन्य जिलों में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के चलते योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। बहराइच में हुई हिंसा में पुलिस के दो कर्मियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इस घटना के बाद, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज जोन के एडीजी ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी प्रशांत कुमार को सौंप दी है।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
बहराइच और अन्य जिलों में हुई घटनाओं को देखते हुए, सरकार अब उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है जो इस दौरान लापरवाह रहे। जानकारी के अनुसार, बहराइच में सीओ महसी, रूपेंद्र कुमार गौड को निलंबित किया गया है और कई अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। कौशांबी, देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर जैसे जिलों में भी इसी प्रकार की घटनाएं हुई हैं।
एडीजी और आईजी की तैनाती
बहराइच में हुई हिंसा के बाद, स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए एडीजी गोरखपुर, केएस प्रताप कुमार और आईजी देवीपाटन, अमरेंद्र प्रताप सिंह को मौके पर भेजा गया था। हालात बिगड़ने पर सीएम योगी ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, अमिताभ यश को भी बहराइच भेजा। इसके बाद उपद्रवियों पर काबू पाया जा सका।
सपा प्रमुख का आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा को योगी सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था, तब वहां पर्याप्त पुलिस सुरक्षा क्यों नहीं थी।
हिंसा का कारण और परिणाम
दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान बहराइच के महाराजगंज क्षेत्र में तेज संगीत बजाने को लेकर विवाद हुआ, जो हिंसा में बदल गया। इस घटना में 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद, भीड़ ने कई दुकानों, मकानों, और वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने अज्ञात और नामजद दंगाइयों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की हैं।
भविष्य के लिए निर्देश
डीजीपी ने सभी जिलों को सतर्क रहने और सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हो सकें। सरकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि वह सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए गंभीर है और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है।