AIN NEWS 1: अगर आप नए आलू खरीदने का सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। रांची में नए आलू के नाम पर जहरीले आलू बेचे जा रहे हैं। बाजार में यह आलू 50 रुपये किलो की दर पर बिक रहा है, जबकि असली मूल्य केवल 30 रुपये प्रति किलो है। इस तरह, मुनाफाखोर प्रति किलो 20 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।
आलू की असलियत
मीडियाकर्मियों की पड़ताल में पता चला है कि लोग बिना जानकारी के छिलका हटा हुआ आलू देखकर उसे नया समझ लेते हैं। वास्तव में, यह आलू पुराने हैं जिनका छिलका केमिकल के माध्यम से हटाया गया है। इन आलू को तैयार करने के लिए अमोनिया के घोल का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे ही ये आलू बाजार में आते हैं, दो दिन में ही ये सड़ने लगते हैं और उनका रंग भी बदल जाता है।
केमिकल का खतरनाक प्रभाव
डॉक्टरों के अनुसार, इस तरह के केमिकलयुक्त आलू से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। अमोनिया का नियमित सेवन किडनी और लीवर के लिए नुकसानदायक है। यह आंखों, नाक और गले पर भी असर डाल सकता है, जिससे पेट में दर्द और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आलू तैयार करने की प्रक्रिया
इस जहरीले आलू को तैयार करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. अमोनिया में भिगोना: पुराने आलू को पहले अमोनिया के घोल में 12 घंटे तक रखा जाता है।
2. रगड़ना: इसके बाद आलू को लाल मिट्टी से रगड़कर उनका छिलका उतारा जाता है।
3. भ्रमित करना: इस प्रक्रिया के बाद आलू को नए आलू के रूप में बेच दिया जाता है, जिससे ग्राहक भ्रमित हो जाते हैं।
थोक विक्रेताओं की राय
रांची के नागाबाबा खटाल में आलू-प्याज के थोक विक्रेता ने बताया कि इस समय बाजार में असली नया आलू नहीं आया है। जो आलू नए बताकर बेचे जा रहे हैं, वे ज्यादातर केमिकलयुक्त हैं। पुराने दुकानदार ऐसे आलू नहीं बेचते, बल्कि ये केवल कुछ विक्रेता ही बेचते हैं जो कभी-कभार बाजार में आते हैं।
उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी
इस संदर्भ में उपभोक्ताओं को जागरूक होना आवश्यक है। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि जो आलू छिलका हटा हुआ दिखता है, वह हमेशा नया नहीं होता। बेहतर होगा कि आलू खरीदने से पहले उसके स्रोत और गुणवत्ता की जांच करें। अगर कोई आलू बहुत सस्ता लग रहा हो या उसकी सतह चमकदार हो, तो सतर्क रहना चाहिए।
सारांश में, रांची के बाजारों में नए आलू के नाम पर बिक रहे जहरीले आलू से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। हमेशा सावधानी बरतें और अच्छे स्रोत से ही खाद्य सामग्री खरीदें।