AIN NEWS 1: गोरखपुर के कैंपियरगंज इलाके में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के एजेंट कर्ज लेने वाली महिलाओं को गंभीर धमकियां दे रहे हैं। उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि अगर वे कर्ज का भुगतान नहीं करेंगी, तो उनका आधार कार्ड और राशन कार्ड निरस्त कर दिए जाएंगे, जिससे वे सरकारी सुविधाओं से वंचित हो जाएंगी। यह स्थिति न केवल महिलाओं के लिए आर्थिक संकट बन चुकी है, बल्कि उनके सामाजिक जीवन पर भी गहरा असर डाल रही है।
कर्ज की भारी भरकम ब्याज दरें
स्थानीय महिलाओं की रिपोर्टों के अनुसार, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लिए गए कर्ज पर ब्याज दरें इतनी अधिक हैं कि वे इसे चुकाने में असमर्थ हैं। कुशमावती, एक पीड़ित महिला, ने बताया कि उसने और उसकी बहू ने अपने गहने बेच दिए, लेकिन फिर भी कर्ज चुकता नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, “इतना ज्यादा ब्याज लगा है कि यह खत्म ही नहीं हो रहा।”
दबाव और धमकियां
महिलाएं बताती हैं कि एजेंट उन पर लगातार दबाव बना रहे हैं। जमीरा ने कहा, “ब्याज चुकाने में हम असमर्थ हैं। अब तो मकान बेचने की नौबत आ गई है।” अवसरी खातून ने बताया कि उसने दो माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लोन लिया था, लेकिन ब्याज इतना बढ़ गया कि वह अब इसे चुकाने के लिए और कर्ज लेने को मजबूर हो गई। उसने कहा, “मेरे दो लाख रुपये का कर्ज अब सात लाख हो गया है।”
दूसरी वित्तीय कंपनियों से कर्ज लेने की मजबूरी
कई महिलाएं अपने कर्ज को चुकाने के लिए एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जा रही हैं। मंजू, नजीबुल, आरती, पूनम, संगीता, दुर्गावती, कुसुम और नीलम जैसे कई लोगों ने 24 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लिया है। एक ब्याज चुकाने के लिए उन्हें दूसरे और फिर तीसरे वित्तीय संस्थान से लोन लेना पड़ रहा है। यह स्थिति उन्हें और अधिक आर्थिक संकट में डाल रही है।
गांव छोड़ने पर मजबूर
इंद्रावती, जो खुद सहायता समूह के माध्यम से माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन ले चुकी हैं, अब अपने पति के साथ गांव छोड़कर जा चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने लगभग डेढ़ लाख रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन बढ़ते ब्याज के कारण वे इसे चुका नहीं पा रही थीं। माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी जब उन्हें परेशान करने लगे, तो उन्होंने गांव छोड़ने का निर्णय लिया।
समाधान की आवश्यकता
इस स्थिति को लेकर महिलाओं का कहना है कि उन्हें उचित समाधान की आवश्यकता है। वे मांग करती हैं कि सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस मामले में ध्यान देना चाहिए। महिलाओं का कहना है कि अगर उन्हें सही जानकारी और सहायता दी जाए, तो वे अपने कर्ज को चुकाने में सक्षम हो सकती हैं।
इस समस्या ने न केवल इन महिलाओं के जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि उनके परिवारों और समग्र समुदाय को भी संकट में डाल दिया है। जरूरत है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए और महिलाओं को एक सुरक्षित और स्थायी समाधान प्रदान किया जाए।