AIN NEWS 1: दिवाली का पर्व, जिसे भारत में खुशी और रोशनी का प्रतीक माना जाता है, इस वर्ष अमेरिका में एक नई पहचान हासिल कर रहा है। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर कार्यालय ने पहली बार स्कूलों में दिवाली के अवसर पर छुट्टी का ऐलान किया है। यह फैसला विशेष रूप से भारत के सांस्कृतिक विरासत के प्रति अमेरिका की स्वीकार्यता और सम्मान को दर्शाता है।
मुख्य बिंदु:
1. छुट्टी की तारीख: न्यूयॉर्क सिटी के स्कूलों में 1 नवंबर, शुक्रवार को दिवाली की छुट्टी रहेगी। यह निर्णय सभी सरकारी स्कूलों पर लागू होगा, जिससे बच्चे इस महत्वपूर्ण त्योहार को अपने परिवार और मित्रों के साथ मना सकें।
2. आधिकारिक घोषणा: इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी न्यूयॉर्क सिटी के मेयर कार्यालय में डिप्टी कमिश्नर दिलीप चौहान ने दी। उनका कहना है कि यह निर्णय न्यूयॉर्क के विविधता में समृद्ध सांस्कृतिक परिवेश को दर्शाता है, जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के त्योहारों को मान्यता दी जाती है।
3. वाइट हाउस में जश्न: दिवाली के इस खास मौके पर वाइट हाउस में भी जश्न का माहौल है। यह दर्शाता है कि अमेरिका में विभिन्न सांस्कृतिक त्योहारों का महत्व बढ़ रहा है और सरकारी स्तर पर भी इसे मान्यता दी जा रही है।
4. दिवाली का महत्व: दिवाली, जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह सामूहिकता, परिवार और प्रेम का प्रतीक भी है। इस दिन लोग अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ मनाते हैं।
5. भविष्य की योजनाएँ: इस निर्णय के बाद, न्यूयॉर्क सिटी के अन्य स्कूलों में भी दिवाली को छुट्टी के रूप में मान्यता देने पर चर्चा की जा रही है। यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य राज्य भी इस उदाहरण का अनुसरण करेंगे और दिवाली को स्कूलों में एक आधिकारिक छुट्टी के रूप में शामिल करेंगे।
इस नई पहल का उद्देश्य न केवल भारतीय समुदाय के लोगों के लिए खुशी का अवसर प्रदान करना है, बल्कि अमेरिका में विविधता को बढ़ावा देना और विभिन्न संस्कृतियों के बीच समझ को भी बढ़ाना है। यह कदम निश्चित रूप से अमेरिका में भारतीय संस्कृति की बढ़ती पहचान को दर्शाता है और भविष्य में अन्य त्योहारों को भी मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार, दिवाली का यह अवसर न केवल न्यूयॉर्क सिटी के स्कूलों में, बल्कि पूरे अमेरिका में एक नई सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक बनकर उभर रहा है।