प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर प्रतियोगी छात्रों के जोरदार विरोध प्रदर्शन के बाद आयोग ने महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। UPPSC के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी PCS परीक्षा अब एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही RO-ARO (रिव्यू ऑफिसर और असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर) परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
RO-ARO परीक्षा पर बनी कमेटी, गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने का फैसला
प्रदर्शनकारियों की मांगों के मद्देनज़र, RO-ARO परीक्षा के लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई है। इस परीक्षा को फिलहाल दिसंबर से आगे के लिए टाल दिया गया है। इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए छात्रों को भी रिहा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद यह फैसला लिया गया।
प्रदर्शनकारी छात्र अभी भी नाराज़, आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
हालांकि, PCS परीक्षा के लिए की गई इस घोषणा से सभी छात्र संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि UPPSC का यह फैसला “फूट डालो और राज करो” की नीति पर आधारित है। छात्रों का आरोप है कि एक वर्ग की मांग को मानकर दूसरे वर्ग को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने स्पष्ट किया है कि जब तक RO-ARO परीक्षा को लेकर अंतिम फैसला नहीं लिया जाता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
DM प्रयागराज का बयान, PCS की नई तारीख जल्द घोषित होगी
प्रयागराज के जिलाधिकारी (DM) रविंद्र कुमार ने जानकारी दी कि UPPSC जल्द ही PCS परीक्षा की नई तारीख की घोषणा करेगा। परीक्षा पैटर्न तय करने के लिए एक कमेटी भी बनाई जा रही है। लेकिन आयोग के फैसले के बावजूद, बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर डटे हुए हैं और उन्होंने आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
अखिलेश यादव और राहुल गांधी का बयान
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने छात्रों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा, “पढ़ाई करने वाले छात्रों को आज सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। अधिकारियों के माध्यम से छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह छात्रों का असली संघर्ष है।
राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया, “प्रयागराज में छात्रों के साथ UP सरकार और UPPSC का व्यवहार असंवेदनशील है। नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी प्रक्रिया को स्वीकार नहीं किया जा सकता। छात्रों की एक शिफ्ट में परीक्षा की मांग पूरी तरह से जायज है। शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में लगी भाजपा सरकार की अक्षमता का खामियाजा आखिर छात्र क्यों भुगतें?”
उन्होंने आगे कहा, “युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहकर मेहनत करने वाले छात्रों के साथ यह अन्याय स्वीकार्य नहीं है। हम छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं और उनकी मांगों के लिए खड़े हैं।”
निष्कर्ष
UPPSC के इस फैसले के बाद जहां कुछ छात्रों ने राहत की सांस ली है, वहीं दूसरी ओर कई प्रतियोगी अभी भी नाराज़ हैं और आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं। अब सभी की नजरें UPPSC की अगली घोषणा पर टिकी हैं, जो PCS और RO-ARO परीक्षाओं की नई तारीखों को लेकर आने वाली है।