संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शाही जामा मस्जिद के सदर (अध्यक्ष) जफर अली को हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि उनकी भूमिका संदिग्ध है और इसी आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया।
हिंसा का कारण और पुलिस की कार्रवाई
रविवार (24 नवंबर) को जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे करने पहुंची टीम के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। हिंसा के दौरान भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार के अनुसार, हिंसा को लेकर 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जफर अली की गिरफ्तारी पर विवाद
जफर अली की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने खुद पुलिस से सवाल किया कि उन्हें क्यों हिरासत में लिया जा रहा है। इस पर पुलिस ने जवाब दिया, “आपका रोल गड़बड़ है।”
पुलिस का कहना है कि जफर अली को साक्ष्यों के आधार पर हिरासत में लिया गया है।
सपा सांसद और अन्य पर केस दर्ज
संभल हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सोहेल इकबाल को नामजद आरोपी बनाया गया है। पुलिस का आरोप है कि इन लोगों ने भीड़ को भड़काने का काम किया।
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात
संभल में जामा मस्जिद के आस-पास अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
निष्कर्ष
संभल में हुई हिंसा ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। जामा मस्जिद के सदर और सपा नेताओं पर कार्रवाई से मामला और गर्मा सकता है। पुलिस की जांच और सख्ती पर सभी की नजरें हैं, लेकिन इस घटना ने इलाके में धार्मिक और राजनीतिक माहौल को और संवेदनशील बना दिया है।