AAP MLA Mehraj Malik Withdraws Support from Omar Abdullah Government in Jammu and Kashmir
जम्मू-कश्मीर में AAP विधायक मेहराज मलिक ने उमर अब्दुल्ला सरकार से समर्थन वापस लिया, किया बड़ा हमला
AIN NEWS 1: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा मोड़ आया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के एकमात्र विधायक मेहराज मलिक ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेतृत्व वाली उमर अब्दुल्ला सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस बात की जानकारी खुद मेहराज मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की।
🔹 जनता के हित में लिया गया निर्णय
मेहराज मलिक ने कहा कि यह फैसला उन्होंने राज्य की जनता के हित में लिया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा:
“मैं, डोडा से विधायक मेहराज मलिक, सरकार गठबंधन में NC को दिया अपना समर्थन वापस लेता हूं। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के मेरे लोगों के सर्वोत्तम हित में लिया गया है, जिनका विश्वास और कल्याण हमेशा मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।”
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा गठबंधन सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही है।
🔹 केजरीवाल के 49 दिन बनाम उमर का 9 महीना
अपने फैसले को सही ठहराते हुए मेहराज मलिक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा:
“केजरीवाल जी ने 49 दिनों में इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वे जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे थे। लेकिन उमर अब्दुल्ला जी 9 महीने से सरकार चला रहे हैं और अभी तक कोई ठोस काम नहीं किया है। वजह यह नहीं कि वे कर नहीं सकते, बल्कि इसलिए कि वे करना नहीं चाहते। जनसेवा बहानों से नहीं, इरादों से होती है।”
यह टिप्पणी राज्य सरकार की निष्क्रियता पर एक सीधा हमला माना जा रहा है।
🔹 पहले ही दे चुके थे संकेत
मलिक ने एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर लिखा था:
“अब बहुत हो गया, सरकार के 9 महीने। आने वाले दिनों में बड़ा फैसला लिया जाएगा। जवाबदेह होने का समय। कार्रवाई करने का समय।”
इस पोस्ट से ही उनके फैसले की आहट मिल गई थी, जिसे अब उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषित कर दिया।
🔹 विवादों में भी रहे हैं मेहराज मलिक
हाल ही में मेहराज मलिक एक विवाद में भी फंसे थे। डोडा जिले के एक मेडिकल कॉलेज की एक महिला एसोसिएट प्रोफेसर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की।
क्या हैं आरोप?
महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया कि विधायक मलिक ने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें सार्वजनिक रूप से धमकाया।
उन पर लैंगिक, अशोभनीय और अपमानजनक टिप्पणियाँ करने का भी आरोप है।
FIR में उन्हें मानहानि और आपराधिक धमकी देने का आरोपी बनाया गया है।
🔹 राजनीतिक समीकरणों पर असर
AAP विधायक का यह फैसला जम्मू-कश्मीर की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि नेशनल कांफ्रेंस के पास अन्य समर्थन है, लेकिन मलिक का यह कदम सरकार पर नैतिक दबाव जरूर बनाता है।
🔹 आम आदमी पार्टी की रणनीति पर सवाल
यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या AAP कश्मीर में अपनी रणनीति बदल रही है?
क्या मेहराज मलिक का यह कदम पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर है?
या फिर उन्होंने यह निर्णय व्यक्तिगत स्तर पर लिया है?
फिलहाल आम आदमी पार्टी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मेहराज मलिक द्वारा उमर अब्दुल्ला सरकार से समर्थन वापस लेना सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि राज्य की नीतियों और आम आदमी की अपेक्षाओं पर एक तीखा सवाल भी है। जहां एक ओर वह खुद विवादों में घिरे हैं, वहीं उनका यह कदम जम्मू-कश्मीर की सियासत में हलचल पैदा कर रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह निर्णय किसी बड़े बदलाव की शुरुआत है या एक व्यक्तिगत नाराजगी भर।
In a significant political development, Jammu and Kashmir’s only AAP MLA Mehraj Malik has withdrawn support from the Omar Abdullah-led National Conference government. Malik cited non-performance and a lack of public service by the NC government, comparing Omar’s 9-month tenure to Arvind Kejriwal’s 49-day resignation in Delhi. This move comes amid an FIR filed against Malik involving a female doctor. The situation signals potential political turmoil for AAP in Kashmir.