AIN NEWS 1 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपने बचपन से लेकर राजनीतिक सफर तक की कई अनसुनी बातें साझा कीं। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक दिलचस्प किस्सा भी बताया। पीएम मोदी ने कहा कि जब वह पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बने, तो शी जिनपिंग ने उन्हें कॉल करके शुभकामनाएं दीं और भारत आने की इच्छा जताई।
स्पेशल कनेक्ट की बात
शी जिनपिंग ने पीएम मोदी को बताया कि दोनों के बीच एक “स्पेशल कनेक्ट” है। इसका कारण ह्वेन त्सांग नामक चीनी दार्शनिक थे, जो पीएम मोदी के गांव वडनगर में रहे थे। शी जिनपिंग ने कहा कि जब ह्वेन त्सांग चीन लौटे, तो उन्होंने जिनपिंग के गांव में भी समय बिताया। इस ऐतिहासिक कनेक्शन को उन्होंने भारत और चीन के सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक बताया।
गुजरात जाने की इच्छा
शी जिनपिंग ने भारत यात्रा के दौरान खासतौर पर गुजरात और वडनगर जाने की इच्छा जताई थी। पीएम मोदी ने बताया कि यह उनके लिए गर्व की बात थी।
पीएम मोदी का गांव वडनगर
पीएम मोदी ने अपने गांव वडनगर के बारे में बताया कि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध स्थान है। उन्होंने कहा, “मेरा गांव गायकवाड स्टेट का हिस्सा था, जहां शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता था। वहां तालाब, पोस्ट ऑफिस और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं थीं। मेरी प्रारंभिक शिक्षा गायकवाड स्टेट के स्कूल में हुई।”
ह्वेन त्सांग और वडनगर का कनेक्शन
पीएम मोदी ने कहा कि ह्वेन त्सांग के वडनगर में रहने की ऐतिहासिक जानकारी ने उनके गांव की महत्ता को और बढ़ा दिया। उन्होंने चीनी एंबेसी को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा था, ताकि इस कनेक्शन को मान्यता दी जा सके।
बचपन की यादें
अपने बचपन की यादें साझा करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि कैसे वे तालाब में तैरना सीखते थे और घर के कपड़े धोने के बहाने तालाब जाने की अनुमति लेते थे।