Saturday, January 18, 2025

“छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में कवासी लखमा की गिरफ्तारी, बोले- ‘मैं अनपढ़ हूं, नहीं पता किसपर किए हस्ताक्षर’”?

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AIN NEWS 1: छत्तीसगढ़ में हुए बड़े शराब घोटाले के सिलसिले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में लखमा पर 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप है। यह घोटाला 2019 से 2023 तक के बीच हुआ था, जब वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट में आबकारी मंत्री थे।

कवासी लखमा के बयान से बढ़ी विवाद की लहर

लखमा ने गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत में दावा किया था कि उन्हें इस घोटाले के बारे में कुछ नहीं पता था। उन्होंने कहा, “मैं अनपढ़ हूं और जो कागजात मेरे सामने रखे गए, मैंने उन पर हस्ताक्षर कर दिए। मुझे नहीं पता कि उन कागजों पर क्या लिखा था।” यह बयान काफी चर्चित हुआ, क्योंकि लखमा ने खुद को इस घोटाले से पूरी तरह अनजान बताया। उनका यह बयान तब सामने आया, जब मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या वे शराब घोटाले के बारे में जानते थे।

ईडी का आरोप और गिरफ्तारी की प्रक्रिया

प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में दावा किया कि कवासी लखमा ने घोटाले में शामिल रहते हुए 72 करोड़ रुपये की रकम प्राप्त की। ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि लखमा ने इस पैसे का कुछ हिस्सा कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में और अपने बेटे के लिए सुकमा में घर बनाने में खर्च किया। ईडी ने लखमा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है और उसकी जांच जारी है।

ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडे ने कोर्ट में कहा कि लखमा को छह दिनों के लिए हिरासत में भेजने की जरूरत है ताकि उन पैसे के स्रोत का पता चल सके। हालांकि, लखमा के वकील फैसल रिजवी ने पुष्टि की कि अदालत ने उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

पूर्व मंत्री और उनके बेटे के घरों पर छापेमारी

लखमा की गिरफ्तारी के बाद, ईडी ने उनके खिलाफ जांच तेज कर दी थी। एक पखवाड़े पहले, ईडी ने लखमा के आधिकारिक आवास और सुकमा में उनके बेटे हरीश के घरों पर छापेमारी की थी। इसके बाद, लखमा की गिरफ्तारी हुई। इस मामले में आरोप है कि एक आपराधिक गिरोह और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य के सरकारी शराब ठेकों में अवैध शराब की तस्करी की जा रही थी। इसके साथ ही शराब की बिक्री से अवैध कमीशन भी लिया जा रहा था।

ईडी के मुताबिक, इस गिरोह ने शराब की बिक्री से 2,161 करोड़ रुपये जमा किए हैं, जो कथित तौर पर लखमा और अन्य नेताओं से जुड़े थे।

लखमा का बचाव: ‘मैं अनपढ़ हूं’

लखमा ने 29 दिसंबर को मीडिया से बात करते हुए कहा था, “जब मुझसे पूछा गया कि क्या मुझे इस शराब घोटाले के बारे में पता था, तो मैंने जवाब दिया कि मैंने इसे केवल टीवी पर देखा और अखबारों में पढ़ा। मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता था।” लखमा ने आगे कहा, “मैं एक अनपढ़ व्यक्ति हूं, मेरे सामने जो भी कागज रखे गए, मैंने उन पर हस्ताक्षर कर दिए। मुझे यह भी नहीं पता कि उन कागजों पर क्या लिखा था।”

हालांकि, ईडी ने अदालत में कहा कि लखमा ने इस घोटाले को रोका नहीं बल्कि इस सिंडिकेट के एक महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में काम किया। एजेंसी ने कहा कि लखमा को इस घोटाले के बदले में 72 करोड़ रुपये मिले थे, जो उन्होंने 36 महीनों में प्राप्त किए थे।

कवासी लखमा की राजनीति पर असर

कवासी लखमा की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा विवाद पैदा कर सकती है। वे छह बार के कोंटा विधानसभा से विधायक रहे हैं और कांग्रेस पार्टी में एक महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं। लखमा की गिरफ्तारी से कांग्रेस पार्टी को भी मुश्किलों का सामना हो सकता है, क्योंकि वे भूपेश बघेल कैबिनेट में आबकारी मंत्री थे और राज्य में शराब की नीति के प्रमुख थे।

कवासी लखमा की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की जांच में एक नया मोड़ लेकर आई है। उनका अनपढ़ होने का बयान और घोटाले में शामिल होने के आरोप राज्य की राजनीति और कानूनी मामले में गंभीर चर्चा का विषय बन चुका है। आगामी दिनों में इस मामले में और अधिक जानकारी सामने आ सकती है, जो प्रदेश की राजनीति और प्रशासन पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

English Paragraph:

 

Former Excise Minister of Chhattisgarh, Kawasi Lakma, has been arrested in connection with the alleged liquor scam worth ₹2,161 crores that took place between 2019 and 2023. The Enforcement Directorate (ED) claims that Lakma received ₹72 crore from the syndicate, which was allegedly used for personal purposes, including building a house for his son. Despite facing serious charges, Lakma defended himself by claiming ignorance about the scam, stating he was uneducated and signed documents without knowing what they contained. This arrest marks a significant development in the investigation of illegal alcohol trafficking in the state, raising questions about the involvement of state officials and their links to the criminal network.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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