Sunday, January 19, 2025

राम जानकी मंदिर से चोरी की गई 30 करोड़ की मूर्तियां बरामद, पुजारी और सपा नेता समेत चार गिरफ्तार?

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्थित ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर से चोरी हुई बेशकीमती अष्टधातु की मूर्तियों को पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मंदिर का पुजारी और समाजवादी पार्टी के नेता शामिल हैं।

क्या है मामला?

13 जनवरी की रात मिर्जापुर के कठिनई गांव में स्थित राम जानकी मंदिर से भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी की प्राचीन अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गई थीं। इन मूर्तियों की बाजार में कीमत करीब 30.10 करोड़ रुपये आंकी गई है।

मंदिर के पुजारी वंशीदास ने 14 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने दावा किया था कि अज्ञात चोरों ने मूर्तियों को चुराया है। लेकिन मामले की गहन जांच के दौरान यह सामने आया कि इस चोरी के पीछे खुद पुजारी का ही हाथ था।

गिरफ्तारी और बरामदगी

पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर शनिवार सुबह पड़री क्षेत्र के हाईमाई मंदिर के पास एक बोलेरो गाड़ी को रोका। गाड़ी में मौजूद चार व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पुजारी वंशीदास उर्फ बृजमोहन दास, भदोही जिले के लवकुश पाल, प्रतापगढ़ के मुकेश कुमार सोनी और प्रयागराज के सपा नेता रामबहादुर पाल शामिल हैं।

इनके पास से चोरी की गई तीनों अष्टधातु की मूर्तियां और शृंगार का सामान बरामद हुआ।

आरोपियों की पृष्ठभूमि

1. वंशीदास (पुजारी): मंदिर की संपत्ति और चढ़ावे में कमी होने के चलते वंशीदास ने इस साजिश को अंजाम दिया।

2. रामबहादुर पाल (सपा नेता): प्रयागराज जिले के हंडिया क्षेत्र का रहने वाला यह आरोपी समाजवादी पार्टी का सक्रिय सदस्य है। वह 2015 से 2020 तक जिला पंचायत का सदस्य भी रह चुका है।

3. मुकेश कुमार सोनी: प्रतापगढ़ जिले का निवासी और आभूषण व्यापारी है।

4. लवकुश पाल: भदोही जिले का निवासी है।

कैसे रची गई साजिश?

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पुजारी वंशीदास ने खुद ही इस चोरी की साजिश रची थी। उसने मंदिर की संपत्ति में कमी के कारण अन्य तीन लोगों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। चोरी की योजना को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि शुरुआत में किसी को शक नहीं हुआ।

मामले का खुलासा कैसे हुआ?

जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मुखबिरों से जानकारी जुटाई। इसके बाद टीम ने चारों आरोपियों को रंगे हाथों मूर्तियों के साथ गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस का बयान

एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बरामद मूर्तियां अष्टधातु से बनी हैं और इनकी ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्ता बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा, “आरोपियों ने लालच और पैसों के लिए यह घिनौना कदम उठाया।”

न्याय की प्रक्रिया

गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में और गहराई से जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चोरी के पीछे कोई और बड़ा गिरोह तो नहीं है।

राम जानकी मंदिर से चोरी की गई मूर्तियों का बरामद होना पुलिस की बड़ी सफलता है। यह घटना दर्शाती है कि किस तरह लालच और पैसे के लिए लोग अपनी नैतिकता तक को भुला देते हैं। इस मामले में दोषियों को जल्द सजा मिलनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

English Paragraph for SEO:

 

The theft of ancient Ashtadhatu idols worth ₹30 crore from the Ram Janki Temple in Mirzapur, Uttar Pradesh, has been resolved by the police. The stolen idols, including those of Lord Ram, Lakshman, and Sita, were recovered, and four individuals, including a priest and a Samajwadi Party leader, have been arrested. This high-profile case has drawn significant attention due to the involvement of prominent figures and the recovery of priceless artifacts.

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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