Sunday, January 19, 2025

महाकुंभ: भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और सामाजिक समरसता का संगम,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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AIN NEWS 1: महाकुंभ 2025, जो प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है, भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन चुका है। संगम में स्नान कर देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु इस आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव कर रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा, “महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की महानता का उत्सव है। यह पर्व प्राचीन वैदिक खगोलीय गणना पर आधारित है और इसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम माना जाता है।”

सामाजिक समरसता का अद्भुत दृश्य

महाकुंभ में विभिन्न जाति, धर्म और देशों के लोग संगम तट पर एकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक बनकर आते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा, “गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का यह संगम न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारतीय समाज की विविधता में एकता को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा है कि महाकुंभ का संदेश ‘एक रहेगा भारत देश’ है।”

आयोजन की कुशल व्यवस्था

महाकुंभ के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “इस विराट जनसमागम का प्रबंधन जिस कुशलता और समर्पण से किया गया है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता और क्षमता को दर्शाता है।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रशासन ने यातायात, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसी सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है। यह आयोजन पूरी तरह से श्रद्धालुओं की सुविधाओं और उनकी आस्था को केंद्र में रखकर किया गया है।

प्राचीन परंपरा और वैज्ञानिकता का संगम

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म की आध्यात्मिकता और वैज्ञानिकता का अद्भुत संगम भी है। यह पर्व प्राचीन खगोलीय गणनाओं पर आधारित है, जो वैदिक परंपरा की समृद्धि को दर्शाता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि महाकुंभ का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। “यह आयोजन भारत की सनातन परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का माध्यम है।”

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The Prayagraj Mahakumbh 2025 is a grand celebration of Indian culture, spirituality, and unity. Known as the world’s largest spiritual gathering, it is rooted in ancient Vedic astronomical calculations. Millions from diverse castes, religions, and even international communities participate in the holy dip at the confluence of the Ganga, Yamuna, and Saraswati rivers, symbolizing harmony and devotion. With meticulous planning by Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath, this event emphasizes cleanliness, security, and hospitality, making it a global beacon of India’s heritage and values.

महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। इस पर्व में समर्पण, सेवा और एकता का भाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस आयोजन ने देश और दुनिया को भारतीयता और अध्यात्म का संदेश दिया है।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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