AIN NEWS 1 | कानपुर में भाजपा नेताओं और पुलिस प्रशासन के बीच टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। भाजपा के मंडल अध्यक्षों ने सीधे तौर पर पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार से लेकर जनता की समस्याओं की अनदेखी तक शामिल हैं।
🔹 मंडल अध्यक्षों की खुली शिकायत
मंगलवार को कानपुर में आयोजित एक समन्वय बैठक के दौरान भाजपा के मंडल अध्यक्ष सुमित तिवारी और बिट्टू परिहार ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के सामने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि थानेदार भाजपा कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं करते। जब तक कोई पैसे की बात न हो, तब तक पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। यह व्यवहार न सिर्फ कार्यकर्ताओं का अपमान है, बल्कि जनता की समस्याओं को भी बढ़ा रहा है।
🔹 पुलिस पर अवैध धंधों को संरक्षण देने का आरोप
बैठक में मंडल अध्यक्षों ने आरोप लगाया कि शहर में स्मैक, चरस, अफीम और गांजे की खुलेआम बिक्री हो रही है। खासकर नौबस्ता चौराहे, बर्रा आठ, कंजरन पुरवा और गुजैनी के इलाकों में हालात चिंताजनक हैं। वरुण बिहार की कच्ची बस्ती में देशी शराब ठेके के सामने दिन-रात नशे का सामान खुलेआम बिकता है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि यह सब कुछ थानेदारों की शह पर हो रहा है।
🔹 ट्रैफिक और अवैध स्टैंड से आम लोग परेशान
नेताओं ने यह भी बताया कि नौबस्ता चौराहे पर अवैध ऑटो स्टैंड लग रहा है, जिससे रोज जाम की स्थिति बनती है। आम नागरिक इस अव्यवस्था से बेहद परेशान हैं और कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। लेकिन पुलिस कार्रवाई करने की बजाय आंखें मूंदे बैठी है।
🔹 हर महीने होगी समन्वय बैठक
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगे से हर महीने डीसीपी और भाजपा के मंडल अध्यक्षों व अन्य जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय बैठक होगी, जिसमें क्षेत्रीय समस्याओं की समीक्षा और समाधान होगा। यह पहल भाजपा सांसद रमेश अवस्थी और पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की संयुक्त पहल है।
🔹 सांसद और जिलाध्यक्षों ने क्या कहा?
बैठक में भाजपा उत्तर जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित, दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह भी शामिल रहे। सांसद रमेश अवस्थी ने पुलिस प्रशासन को सुझाव दिया कि वे मंडल अध्यक्षों से नियमित संवाद रखें और उनके सम्मान का भी ध्यान दें। वहीं, शिवराम सिंह ने खास तौर पर किदवई नगर थाना क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यहां नशे का कारोबार बेहद बढ़ चुका है।
🔹 भाजपा की मांगें
1. जन प्रतिनिधियों की बात सुनी जाए: पुलिस प्रशासन जनप्रतिनिधियों के फीडबैक को गंभीरता से ले और उसका तुरंत समाधान करे।
2. भ्रष्टाचार पर लगाम लगे: पैसे लेकर काम करने की आदत को खत्म किया जाए।
3. नशे के खिलाफ सख्त अभियान चले: नशा बेचने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए।
4. अवैध स्टैंड हटाए जाएं: जिससे ट्रैफिक की समस्या से निजात मिले।
5. जन संवाद बढ़े: हर महीने मंडल स्तर पर मीटिंग हो और फीडबैक को रिकॉर्ड किया जाए।
कानपुर में भाजपा नेताओं की यह शिकायत सिर्फ पार्टी के भीतर की नाराजगी नहीं है, बल्कि यह आम जनता की पीड़ा भी उजागर करती है। अगर पुलिस प्रशासन समय रहते इन शिकायतों पर ध्यान नहीं देता, तो न सिर्फ जनता का भरोसा उठेगा, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होंगे।
BJP leaders in Kanpur, including Mandal Presidents Sumit Tiwari and Bittu Parihar, have accused the local police of blatant corruption. They claim that Station House Officers (SHOs) only act when money is involved and have ignored BJP workers’ requests. In a meeting with Police Commissioner Akhil Kumar, leaders alleged open sale of drugs like smack and opium under police protection, illegal auto stands, and worsening traffic issues. This article highlights the growing tension between Kanpur BJP leaders and the police administration over public concerns and law enforcement failures.