Monday, February 3, 2025

(देखें वीडियो)ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर विवाद: 10 करोड़ की पेशकश और बागेश्वर धाम पर तीखा पलटवार?

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AIN NEWS 1 : 90 के दशक की प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी हाल ही में एक विवाद का केंद्र बनीं, जब उन्हें महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़ा द्वारा महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। लेकिन इस फैसले का रामदेव बाबा और बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सहित कई साधु-संतों ने विरोध किया। आरोप लगे कि ममता ने 10 करोड़ रुपये देकर यह पदवी हासिल की। मात्र 7 दिनों के भीतर उनसे यह पदवी वापस ले ली गई।

इसके बाद, ममता कुलकर्णी ने रजत शर्मा के शो ‘आपकी अदालत’ में शिरकत की और अपने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने न केवल धीरेंद्र शास्त्री को उनकी उम्र की याद दिलाई, बल्कि यह भी कहा कि उनके पास 10 करोड़ तो दूर, 1 करोड़ रुपये भी नहीं हैं, क्योंकि उनके बैंक अकाउंट सीज हैं।

महामंडलेश्वर बनने का विवाद कैसे शुरू हुआ?

ममता कुलकर्णी को 2025 के महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी। लेकिन जैसे ही यह खबर फैली, रामदेव बाबा और बागेश्वर धाम ने इसका कड़ा विरोध किया।

रामदेव बाबा का बयान:

> “कोई एक दिन में संत नहीं बन सकता। आजकल किसी को भी महामंडलेश्वर बना दिया जा रहा है।”

बागेश्वर धाम (धीरेंद्र शास्त्री) का बयान:

> “महामंडलेश्वर की पदवी किसी बाहरी प्रभाव में नहीं दी जानी चाहिए। यह केवल उन्हीं को मिलनी चाहिए, जिनमें संत का भाव हो।”

इस विरोध के बाद महज 7 दिनों में ममता कुलकर्णी से यह पदवी छीन ली गई।

बागेश्वर धाम और रामदेव को ममता कुलकर्णी का जवाब

ममता कुलकर्णी ने ‘आपकी अदालत’ में रामदेव बाबा और बागेश्वर धाम के विरोध का करारा जवाब दिया।

1. रामदेव बाबा को चेतावनी:

उन्होंने कहा कि रामदेव को महाकाल और महाकाली से डरना चाहिए, क्योंकि उनके आध्यात्मिक सफर पर सवाल उठाना सही नहीं है।

2. बागेश्वर धाम को उम्र की याद दिलाई:

उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को जवाब देते हुए कहा:

> “जितनी उनकी उम्र (25 साल) है, उतनी मैं तपस्या कर चुकी हूं। उन्हें अपने गुरु से पूछना चाहिए कि मैं कौन हूं और फिर चुप बैठ जाना चाहिए।”

3. 10 करोड़ की पेशकश का खंडन:

उन्होंने कहा कि उनके पास 10 करोड़ तो क्या, 1 करोड़ रुपये भी नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ 2 लाख रुपये गुरु दक्षिणा के रूप में भेंट किए थे।

क्या ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बनना चाहती थीं?

ममता ने यह भी स्पष्ट किया कि वे कभी महामंडलेश्वर बनना ही नहीं चाहती थीं। उन्होंने बताया कि किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के आग्रह पर उन्होंने यह पदवी स्वीकार की थी।

उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले 23 वर्षों से उन्होंने कोई एडल्ट फिल्म नहीं देखी और वे पूरी तरह आध्यात्मिक जीवन जी रही हैं।

इस विवाद ने न केवल धार्मिक समुदाय बल्कि आम जनता के बीच भी हलचल मचा दी। महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया को लेकर भी कई सवाल उठे। ममता कुलकर्णी ने अपने खिलाफ लगे आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया और रामदेव तथा बागेश्वर धाम को करारा जवाब दिया।

अब देखना होगा कि इस विवाद में आगे क्या मोड़ आता है और क्या ममता कुलकर्णी दोबारा कोई आध्यात्मिक पदवी ग्रहण करती हैं या नहीं।

Mamta Kulkarni’s Mahamandaleshwar controversy has taken the internet by storm. The former Bollywood actress was honored with the Mahamandaleshwar title by Kinnar Akhada during Mahakumbh 2025, but it was revoked after strong opposition from Baba Ramdev and Bageshwar Dham’s Dhirendra Shastri. Allegations surfaced that she paid ₹10 crore for the title, which she has strongly denied. In an interview with ‘Aap Ki Adalat,’ Mamta hit back at her critics, reminding Bageshwar Dham of her 25 years of penance and questioning their authority to judge her spiritual journey. This controversy raises significant questions about the process of granting religious titles and the influence of politics in the spiritual domain.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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