Monday, February 3, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार किया?

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AIN NEWS 1: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें यह अनुरोध किया गया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को उनके पद से हटाया जाए। यह याचिका राज्यपाल द्वारा 6 जनवरी को तमिलनाडु विधानमंडल में उनके निर्धारित अभिभाषण से पहले ‘तमिल थाई वाचन’ के दौरान विधानसभा से बाहर निकलने के कारण दायर की गई थी।

याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल का यह कदम संवैधानिक शिष्टाचार और लोकतांत्रिक मान्यताओं के खिलाफ था। याचिका में यह भी कहा गया कि राज्यपाल का यह कार्य राज्य की सांस्कृतिक भावना का अपमान था, क्योंकि ‘तमिल थाई वाचन’ राज्य के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीकों में से एक है, और इसे विधानसभा की शुरुआत में गाया जाता है।

राज्यपाल का विधानसभा से बाहर निकलना

6 जनवरी 2025 को, जब तमिलनाडु विधानमंडल में राज्यपाल अपने संबोधन के लिए खड़े हुए थे, तो ‘तमिल थाई वाचन’ (तमिल थाई वंदन) गाया जा रहा था। यह गान राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को दर्शाता है। हालांकि, राज्यपाल ने इस गान के दौरान विधानसभा से बाहर जाने का फैसला लिया, जिससे राजनीतिक हलकों में एक नई बहस शुरू हो गई।

राज्यपाल का यह कदम भारतीय लोकतंत्र में संवैधानिक शिष्टाचार और राज्य के प्रतीक के प्रति सम्मान का सवाल खड़ा करता है। राज्यपाल के खिलाफ यह याचिका तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा भी आलोचना की गई थी, जिन्होंने इसे राज्य के अधिकारों पर हमला बताया था। इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी थी, कुछ ने राज्यपाल के कदम को राज्य की संस्कृति का अपमान बताया, जबकि कुछ ने इसे उनके व्यक्तिगत विचारों का परिणाम माना।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

याचिका दायर करने वाले वकील ने यह दावा किया कि राज्यपाल का यह कदम संविधान के तहत उनके कर्तव्यों और अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल का विधानसभा से बाहर निकलना और तमिल थाई वाचन को न सुनना राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधानिक दृष्टि से एक गलत कदम था।

हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायालय का कहना था कि यह मामला संवैधानिक अदालत के दायरे से बाहर है और इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।

तमिलनाडु की संस्कृति और राज्यपाल का विवाद

तमिलनाडु में ‘तमिल थाई वाचन’ राज्य की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे बहुत सम्मान दिया जाता है। यह गान राज्य के लोकजीवन में एक प्रमुख स्थान रखता है, और इसे अक्सर सरकारी और सार्वजनिक कार्यक्रमों में गाया जाता है। राज्यपाल के विधानसभा से बाहर जाने को लेकर तमिलनाडु की जनता और राजनीतिक नेतृत्व में गहरी नाराजगी है। मुख्यमंत्री स्टालिन और विपक्षी दलों ने राज्यपाल की इस कार्रवाई को राज्य की गरिमा के खिलाफ करार दिया है।

इस विवाद ने राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच के संबंधों को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। हालांकि, न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया है, लेकिन यह मामला राज्य में राजनीतिक और सांस्कृतिक बहस का विषय बना हुआ है।

The Supreme Court of India recently rejected a plea seeking the removal of Tamil Nadu Governor RN Ravi, who walked out of the Tamil Nadu Legislative Assembly on January 6 without delivering his customary address. This action took place during the singing of ‘Tamil Thai Vazhthu,’ a cultural symbol of the state. The plea, arguing that the Governor’s walkout was a violation of constitutional norms and disrespectful to the state’s cultural heritage, was dismissed by the court. The incident has sparked widespread political debate in Tamil Nadu about the role of the Governor and the state’s identity.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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