सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध गतिविधियां, जांच तेज
AIN NEWS 1: मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नोज पर हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। अब सामने आई सीसीटीवी फुटेज में कुछ संदिग्ध गतिविधियां दिखाई दे रही हैं, जिससे इस भगदड़ के पीछे किसी साजिश की आशंका को बल मिल रहा है।
सीसीटीवी फुटेज में दिखे संदिग्ध व्यक्ति
महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के समय संगम नोज पर हुई भगदड़ को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, कुंभ पुलिस को एक वीडियो मिला है, जिसमें कुछ लोगों की गतिविधियां संदिग्ध लग रही हैं। इस फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान की जा रही है और खुफिया एजेंसियों को भी इस जांच में शामिल कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने गठित किया न्यायिक आयोग
इस बड़े हादसे के कारणों की गहराई से जांच करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। यह आयोग घटनास्थल का दौरा कर चुका है और अब प्रत्यक्षदर्शियों और अन्य स्रोतों से जानकारी एकत्रित कर रहा है।
साजिश के संकेत, खुफिया एजेंसियां सक्रिय
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ के दौरान कुछ लोगों की हरकतें असामान्य थीं। कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में भी यह देखने को मिला है कि कुछ व्यक्ति संदिग्ध तरीके से घूम रहे थे। इस वजह से पुलिस ने यह संभावना जताई है कि यह भगदड़ केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश भी हो सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश एटीएस, एसटीएफ और अन्य खुफिया एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया गया है।
डीआईजी कुंभ का बयान
कुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा, “हमें मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ से जुड़े कुछ वीडियो फुटेज मिले हैं। इनमें कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियां स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं। इन फुटेज की गहन जांच की जा रही है और संदिग्धों की पहचान के प्रयास जारी हैं।”
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
इस भगदड़ के बाद प्रशासन ने महाकुंभ मेले में सुरक्षा को और अधिक कड़ा कर दिया है। कुछ प्रमुख कदम उठाए गए हैं:
अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए: ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती: ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
ड्रोन से निगरानी: पूरे कुंभ मेला क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
श्रद्धालुओं को जागरूक करना: भीड़ नियंत्रण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां
संदिग्धों की पहचान और उनकी मंशा को स्पष्ट करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या यह भगदड़ महज एक दुर्घटना थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी।
महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ ने प्रशासन और श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं, ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं और हाई-लेवल जांच जारी है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी अहम खुलासे हो सकते हैं।
The Maha Kumbh 2025 witnessed a tragic stampede on Mouni Amavasya, leading to 30 deaths and several injuries at Sangam Nose, Allahabad. Recent CCTV footage has revealed suspicious activities, prompting authorities to investigate the possibility of a planned conspiracy. The Kumbh police, ATS, STF, and intelligence agencies have intensified their probe to identify the culprits. CM Yogi Adityanath has ordered a judicial commission to examine the incident. Enhanced security measures, including additional CCTV cameras, drones, and increased police presence, are being implemented to prevent future tragedies.