Akhilesh Yadav Claims Yogi Is Not BJP Member, CM Yogi Bans Meat Sale on Kanwar Route
अखिलेश का हमला और योगी सरकार का बड़ा आदेश: कांवड़ यात्रा मार्ग पर मांस और शराब की बिक्री रहेगी प्रतिबंधित
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की राजनीति और धार्मिक आयोजन दोनों एक बार फिर चर्चा में हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला करते हुए दावा किया कि “योगी जी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य नहीं हैं, बल्कि केवल चुनावी चेहरा हैं।” वहीं दूसरी ओर, सीएम योगी ने आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जाए और दुकानदारों के नाम बोर्ड पर स्पष्ट रूप से लिखे जाएं।
अखिलेश यादव का सीधा हमला: ‘योगी बीजेपी के सदस्य नहीं’
लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि “योगी आदित्यनाथ बीजेपी के मूल सदस्य नहीं हैं, उन्हें केवल चुनावी चेहरे के रूप में पेश किया जाता है।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि नौ साल की सरकार में गोरखपुर में मेट्रो तक नहीं बन सकी। अखिलेश का यह बयान आगामी चुनावी माहौल में नई बहस को जन्म दे रहा है।
कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार का एक्शन मोड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा, मोहर्रम और रथयात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों से पहले अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कुछ बेहद महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
मुख्य निर्देश:
1. मांस की बिक्री पर प्रतिबंध:
कांवड़ यात्रा मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
2. दुकानदार का नाम अनिवार्य:
हर दुकान पर दुकानदार का नाम स्पष्ट और बड़े अक्षरों में लिखा होना चाहिए। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अफवाहों से बचा जा सकेगा।
3. अराजक तत्वों पर नजर:
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक आयोजनों में भारी भीड़ होती है, ऐसे में वेष बदलकर माहौल बिगाड़ने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए।
4. सांप्रदायिक तनाव से निपटने की तैयारी:
कोई भड़काऊ नारा, हथियारों का प्रदर्शन या तनाव फैलाने की कोशिश पाए जाने पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।
5. ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण:
डीजे और ताजिया की ऊंचाई तय सीमा में होनी चाहिए और ध्वनि की डेसिबल लिमिट का सख्ती से पालन किया जाए।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई
सीएम योगी ने अफसरों से कहा कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली किसी भी अफवाह को तुरंत गंभीरता से लिया जाए और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही श्रावण मास के दौरान मंदिरों की साफ-सफाई, भीड़ नियंत्रण, मेडिकल सुविधा और आपदा प्रबंधन के लिए विशेष टीमें गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी मंत्री और विपक्ष की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने मुख्यमंत्री के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, “कांवड़ यात्रा एक हिंदू धार्मिक परंपरा है, इसमें मांस और शराब की दुकानें बंद रहनी ही चाहिए। साथ ही दुकानदारों को अपने नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए।”
वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि “ऐसे निर्देश गरीब दुकानदारों की रोज़ी-रोटी पर असर डाल सकते हैं। अगर दुकानदार का नाम लिखने की बात है, तो यह नियम सभी धर्मों और समुदायों पर समान रूप से लागू होना चाहिए। किसी एक विशेष वर्ग को निशाना बनाना ठीक नहीं है।”
जहां एक ओर योगी सरकार धार्मिक आयोजनों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तैयारी में है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे असमान व्यवहार और धार्मिक पक्षपात करार दे रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये निर्देश आगामी चुनावी राजनीति में क्या असर डालते हैं।
In a fresh political row, Akhilesh Yadav alleged that CM Yogi Adityanath is not a BJP member but only a symbolic face for elections. Simultaneously, the UP government has imposed a strict ban on meat and liquor sales along the Kanwar Yatra route. CM Yogi directed that all shops must display the owner’s name to ensure transparency. These religious directives have sparked debate ahead of the upcoming elections, raising questions about secular governance and community equality in Uttar Pradesh.