AIN NEWS 1 | सिक्किम इन दिनों गंभीर बुनियादी ढांचा संकट से जूझ रहा है। सड़क संपर्क टूटने और एयरपोर्ट से उड़ानें बंद होने से स्थानीय लोगों और पर्यटन कारोबारियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। राज्य के एकमात्र लोकसभा सांसद इंद्र हंग सुब्बा ने इस मुद्दे को संसद की स्थायी समिति के सामने उठाया और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
पर्यटन, परिवहन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति से मुलाकात
सोमवार को सांसद सुब्बा ने संसद की पर्यटन, परिवहन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष संजय कुमार झा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा जिसमें राज्य के वर्तमान हालात और नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों का विस्तार से उल्लेख किया गया।
उत्तर सिक्किम में बाढ़ और भूस्खलन से बर्बादी
सुब्बा ने ज्ञापन में बताया कि बीते कुछ महीनों में उत्तर सिक्किम में प्राकृतिक आपदाएं, खासकर 4 अक्टूबर 2023 को ग्लेशियर झील के फटने से आई बाढ़ और 1 जून 2025 को अचानक आई बाढ़ ने राज्य के बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया है। इन आपदाओं से न सिर्फ स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं, बल्कि पर्यटन व्यवसाय भी बुरी तरह चरमरा गया है।
पर्यटन स्थलों से टूटा संपर्क
प्राकृतिक आपदाओं की वजह से टूंग-नागा सेक्शन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे लाचेन, लाचुंग, युमथांग, युमेसमडोंग, कटाओ, कालापाथर और गुरुडोंगमार झील का संपर्क टूट चुका है। यह क्षेत्र भारत-चीन सीमा के बेहद करीब स्थित हैं और इन सड़कों का सामरिक महत्व भी बहुत अधिक है।
एयर कनेक्टिविटी बंद, पाकयोंग एयरपोर्ट को लेकर चिंता
सांसद सुब्बा ने पाकयोंग हवाई अड्डे की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने समिति को बताया कि स्पाइसजेट द्वारा दिल्ली और अन्य शहरों के लिए उड़ानें बंद होने से न सिर्फ पर्यटन प्रभावित हुआ है, बल्कि लोगों को आवश्यक यात्रा के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने एयरपोर्ट के रनवे को विस्तारित करने और उड़ानों को फिर से शुरू करने की मांग की है।
तत्काल राहत और दीर्घकालिक समाधान की मांग
ज्ञापन में सुब्बा ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार सिक्किम के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक जाने वाली क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की तत्काल मरम्मत कराए। इसके अलावा उन्होंने एलिवेटेड सड़कों और सुरंगों का निर्माण करने, और होमस्टे, टूर ऑपरेटरों और ट्रांसपोर्टर जैसे हितधारकों के लिए विशेष राहत पैकेज देने की भी मांग की।
राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है मामला
सुब्बा ने यह स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक पर्यटन या स्थानीय विकास का मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। चीन सीमा के इतने करीब इन क्षेत्रों तक पहुंच को बहाल करना सामरिक दृष्टि से भी आवश्यक है।
पांच दिवसीय दौरे पर है संसदीय समिति
फिलहाल स्थायी समिति राज्य के पांच दिवसीय दौरे पर है और उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे के बाद केंद्र सरकार इन समस्याओं का संज्ञान लेकर जल्द समाधान की दिशा में कदम उठाएगी।