AIN NEWS 1 | गाजियाबाद में थाना मधुबन बापूधाम पुलिस द्वारा पत्रकार अपूर्वा चौधरी के साथ किए गए दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के विरोध में शुरू हुए आमरण अनशन को लगातार सामाजिक व जनसंगठनों का समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में आज राष्ट्रीय जाट महासभा – पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष आनंद चौधरी ने अपूर्वा चौधरी के संघर्ष का समर्थन करते हुए इसे “लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक साहसी और प्रेरणादायक कदम” बताया।
श्री आनंद चौधरी ने एक आधिकारिक समर्थन पत्र जारी करते हुए कहा,
“जब देश का एक पत्रकार, जो समाज की आवाज़ बनकर कार्य करता है, थाने के अंदर ही अपमानित किया जाए, धमकाया जाए और उसकी शिकायत तक दर्ज न की जाए, तो यह सीधे तौर पर लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना पर चोट है। अपूर्वा चौधरी का सड़क पर बैठकर न्याय की मांग करना हमारी व्यवस्था के संवेदनहीन हो जाने का प्रमाण है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना न सिर्फ अपूर्वा जी के व्यक्तिगत अपमान की बात है, बल्कि यह पूरे पत्रकारिता जगत, नारी गरिमा और आमजन के विश्वास के विरुद्ध अपराध है। यदि एक महिला पत्रकार को थाने के भीतर ही सुरक्षा न मिले, तो फिर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं, गरीब नागरिक और कमजोर वर्ग कहां और कैसे न्याय की उम्मीद करें?
पत्रकारों की गरिमा और सुरक्षा सर्वोपरि: चौधरी
उन्होंने यह भी मांग की कि पत्रकारों, खासकर महिला पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर ठोस नीति बनाई जाए। साथ ही, जिन पुलिस अधिकारियों ने अपूर्वा चौधरी के साथ अभद्रता की है, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर, स्वतंत्र जांच के दायरे में लाया जाए। चौधरी ने कहा,
“यह घटना यूपी सरकार के ‘अपराध मुक्त प्रदेश’ के दावों को झूठा सिद्ध कर रही है, क्योंकि आज अपराधी पुलिस के सामने भी पीड़ित को धमकाने में संकोच नहीं कर रहे हैं।”
राष्ट्रीय जाट महासभा का पूर्ण समर्थन
अंत में श्री आनंद चौधरी ने अपूर्वा चौधरी को आश्वस्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जाट महासभा उनके साथ पूरी मज़बूती से खड़ी है और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, संगठन उनका समर्थन करता रहेगा। उन्होंने अपील की कि प्रशासन मानवता, लोकतंत्र और नारी सम्मान की रक्षा के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाए।