Ainnews1.com: बताते चले ED ने 24 अगस्त को चेन्नई में सुकेश का सी-फेसिंग बंगला सीज कर लिया था. ओर बंगले से 82.5 लाख रुपये, 2 किलो सोना और 12 से ज्यादा लग्जरी कारें भी जब्त की गई थीं. क्या आप कभी यकीन करेंगे कि अपनी पोल खुलने के पहले तक सुकेश चंद्रशेखर हर महीने जेल के मुलााज़िमों पर कोई लाख-दो लाख या दस लाख रुपये नहीं बल्कि तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये लुटा रहा था.
यानी वो हर महीने जेल कर्मियों को रिश्वत के तौर पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये देता था. और ये बात हम नहीं कह रहे, ये कहना है कि दिल्ली पुलिस के उसी महकमे के एक सीनियर ऑफिसर का, जो महकमा फिलहाल घूसमहल में बदल चुके । अब तिहाड़ जेल कर्मियों और सुकेश के करतूतों की जांच कर रहा है. जब महाठग सुकेश चंद्रशेखर ठगी के किसी दूसरे मामले में तिहाड़ जेल की रोहिणी शाखा में बंद था. तब उसका ठिकाना जेल नंबर का 10 का वार्ड नंबर 3 और बैरक नंबर 204 हुआ करता था.
लेकिन उस बैरक को सुकेश ने सिर्फ अपने पैसों के दम पर जेल का बैरक नहीं बल्कि नखलिस्तान में तब्दील कर दिया था. यानी इस बैरक में उसे ऐशो आराम की हर वो चीज़ बस एक इशारे पर उपलब्ध कराई जाती थी।, जो चीज़ कोई बड़ा से बड़ा रईस आदमी बाहर अपनी दौलत के दम पर ही हासिल कर सकता है. अब जब तफ्तीश काफी आगे बढ़ चुकी है, तो पता चला कि सुकेश के रिश्वत के टुकड़ों पर पलनेवाले ऐसे अफसरों की तादाद भी कोई मुट्ठी भर नहीं, बल्कि मुट्ठी भर-भर कर थी. तभी तो इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने इस सिलसिले में रोहिणी जेल के ही 82 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया है.