‘ग्रेटर गाजियाबाद’ 2031 तक होगा तैयार: 20 गांवों की किस्मत बदलेगी, मिलेगा रोजगार और आधुनिक सुविधाएं!

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‘ग्रेटर गाजियाबाद’ 2031 तक होगा तैयार: 20 गांवों की किस्मत बदलेगी, मिलेगा रोजगार और आधुनिक सुविधाएं

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश सरकार दिल्ली-एनसीआर में एक नया और आधुनिक शहर बसाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। इस शहर का नाम ‘ग्रेटर गाजियाबाद’ होगा और इसे गाजियाबाद जिले के मुरादनगर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ गाजियाबाद बल्कि लोनी, मुरादनगर और मोदीनगर के क्षेत्रों के लिए भी विकास की नई राह खोलेगा।

क्यों बन रहा है ग्रेटर गाजियाबाद?

दिल्ली-एनसीआर की बढ़ती आबादी और तेजी से फैलते शहरीकरण को देखते हुए राज्य सरकार ने एक नए, सुव्यवस्थित और आधुनिक शहर की जरूरत महसूस की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य है—बेहतर बुनियादी ढांचा, रोज़गार के अवसर, और आधुनिक जीवनशैली का अनुभव प्रदान करना।

शहर की सीमा और शामिल गांव

ग्रेटर गाजियाबाद को विकसित करने के लिए शुरुआत में 13 गांवों को शामिल करने की योजना थी, लेकिन सर्वे के बाद इस संख्या को बढ़ाकर 20 गांव कर दिया गया है। इनमें खोड़ा, कनावनी, लोनी, डासना नगर पंचायत और मुरादनगर क्षेत्र के गांव शामिल होंगे।

2031 मास्टर प्लान में शामिल

इस पूरे प्रोजेक्ट को गाजियाबाद, लोनी, मुरादनगर और मोदीनगर के 2031 मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि यहां के विकास की योजना अगले कई वर्षों तक पहले से तय दिशा में आगे बढ़ेगी।

शासन व्यवस्था और जोन सिस्टम

ग्रेटर गाजियाबाद को कमिश्नरेट सिस्टम के तहत चलाया जाएगा। इसका नेतृत्व एक सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे। शहर को तीन जोन में बांटा जाएगा और हर जोन की जिम्मेदारी एक आईएएस अधिकारी के पास होगी। इस व्यवस्था से प्रशासनिक कामकाज तेज और प्रभावी तरीके से हो सकेगा।

आधुनिक सुविधाओं से लैस शहर

नया शहर सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि सुविधाओं के मामले में भी ‘ग्रेटर’ होगा। यहां के मास्टर प्लान में विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है:

चौड़ी और बेहतर सड़कें

सार्वजनिक परिवहन की आसान उपलब्धता

अंडरपास और ओवरब्रिज

रेलवे स्टॉपेज

आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र

स्वच्छ और हरित वातावरण

रोजगार के नए अवसर

ग्रेटर गाजियाबाद के विकास से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। निर्माण कार्य के दौरान मज़दूरों, इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स और टेक्निकल स्टाफ की बड़ी मांग होगी। शहर के विकसित होने के बाद यहां इंडस्ट्रीज, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, आईटी पार्क और अन्य व्यापारिक केंद्र भी खुलेंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को घर के पास ही नौकरी के अवसर मिलेंगे।

विकास की दिशा और योजना

जिला प्रशासन और संबंधित विभागों ने अपने-अपने क्षेत्रों का सर्वे पूरा कर लिया है। इन सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर अब सीमांकन, प्रशासनिक ढांचा और नगर विकास की योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। सड़क नेटवर्क, जल निकासी, बिजली आपूर्ति और पार्क जैसे बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता दी जाएगी।

लोगों के लिए फायदे

ग्रेटर गाजियाबाद प्रोजेक्ट के पूरे होने पर स्थानीय लोगों की जिंदगी में कई बड़े बदलाव होंगे:

1. बेहतर कनेक्टिविटी – दिल्ली, नोएडा और मेरठ जैसे शहरों तक तेज और आसान पहुंच।

2. उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं – आधुनिक अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और मनोरंजन स्थल।

3. जमीन की कीमतों में वृद्धि – निवेश के लिहाज से बेहतरीन मौका।

4. रोजगार और कारोबार – छोटे-बड़े सभी तरह के व्यापार के लिए अवसर।

2031 तक का लक्ष्य

सरकार का लक्ष्य है कि साल 2031 तक यह शहर पूरी तरह से तैयार हो जाए। हालांकि, इसके पहले भी कई चरणों में सुविधाएं चालू कर दी जाएंगी, ताकि लोग धीरे-धीरे यहां बसना शुरू कर सकें।

उत्तर भारत के लिए मॉडल शहर

विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रेटर गाजियाबाद आने वाले वर्षों में पूरे उत्तर भारत के लिए एक मॉडल शहर बन सकता है। यह न सिर्फ बुनियादी ढांचे के मामले में बल्कि जीवन की गुणवत्ता, पर्यावरण और रोजगार के अवसरों में भी मिसाल पेश करेगा।

The Uttar Pradesh government is developing Greater Ghaziabad, a new modern city in Muradnagar under the Delhi-NCR region, aiming for completion by 2031. Covering 20 villages including Khoda, Loni, and Dasna, this project will bring advanced infrastructure, residential and commercial hubs, better transportation, and thousands of new jobs. As part of the 2031 master plan, Greater Ghaziabad will feature wide roads, public transport, underpasses, railway stoppages, and green spaces, making it a model city for North India.

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