AIN NEWS 1: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की चर्चित विधायक पूजा पाल को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। यह फैसला उनके खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों, पार्टी विरोधी गतिविधियों और गंभीर अनुशासनहीनता के मामलों के बाद लिया गया।
क्या है पूरा मामला?
पूजा पाल, जो समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्य थीं, पर लंबे समय से पार्टी विरोधी रुख अपनाने के आरोप लग रहे थे। पार्टी नेतृत्व के अनुसार, उन्हें कई बार चेतावनी दी गई और उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए गए, लेकिन उन्होंने इनका पालन नहीं किया।
सपा अध्यक्ष ने पत्र में लिखा कि उनके द्वारा की गई कार्रवाइयों से पार्टी की छवि और अनुशासन को नुकसान पहुँचा है। इन कारणों से उन्हें पार्टी से निकालने का निर्णय लिया गया।
अखिलेश यादव का पत्र
14 अगस्त 2025 को जारी पत्र में अखिलेश यादव ने साफ लिखा कि –
“आपके द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और पूर्व में चेतावनी के बावजूद ऐसी गतिविधियों को न रोकने से पार्टी को काफी नुकसान हुआ है।”
उन्होंने आगे कहा कि पूजा पाल का यह रवैया गंभीर अनुशासनहीनता है, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया है।
पार्टी गतिविधियों में अब नहीं रहेंगी शामिल
पत्र में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अब पूजा पाल को समाजवादी पार्टी के किसी भी कार्यक्रम, बैठक या आयोजन में आमंत्रित नहीं किया जाएगा और न ही उन्हें इसमें भाग लेने की अनुमति होगी।
पूजा पाल का राजनीतिक सफर
पूजा पाल उत्तर प्रदेश की एक जानी-मानी महिला नेता हैं। वे अपने क्षेत्र में सक्रिय राजनीति करती रही हैं और कई वर्षों से समाजवादी पार्टी से जुड़ी हुई थीं। उनका नाम कई बार राजनीतिक चर्चाओं में रहा है। हालांकि, पिछले कुछ समय से उनके रुख और बयानों को लेकर पार्टी नेतृत्व में नाराज़गी बढ़ रही थी।
पार्टी में अनुशासन की सख्ती
यह कदम यह भी दर्शाता है कि समाजवादी पार्टी अपने अनुशासन नियमों को लेकर बेहद सख्त है। पार्टी ने पहले भी कई नेताओं पर इसी तरह की कार्रवाई की है, ताकि संगठन में एकता और नियमों का पालन बना रहे।
राजनीतिक हलचल
पूजा पाल को पार्टी से निकाले जाने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला न केवल उनके करियर को प्रभावित करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर पार्टी समीकरणों में भी बदलाव ला सकता है।
आगे का रास्ता
अब देखना होगा कि पूजा पाल आगे किस राजनीतिक दल का रुख करती हैं या स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीतिक यात्रा जारी रखती हैं। विपक्षी पार्टियां संभवतः उन्हें अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर सकती हैं, क्योंकि उनके पास जमीनी स्तर पर अच्छा राजनीतिक अनुभव और समर्थक आधार मौजूद है।
Samajwadi Party president Akhilesh Yadav has expelled Uttar Pradesh MLA Pooja Pal from the party over alleged anti-party activities and serious indiscipline. Despite repeated warnings, Pooja Pal reportedly continued to act against party interests, prompting her immediate removal from all party posts. This political development has sparked discussions in Uttar Pradesh politics, raising questions about her next political move and the impact on Samajwadi Party’s internal dynamics.