AIN NEWS 1: आगरा का नामी बिल्डर प्रखर गर्ग कभी अपनी चमक-दमक और बड़े दान के दावों के लिए सुर्खियों में रहता था। खासकर तब जब उसने वृंदावन के बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की। इस खबर ने उसे रातों-रात धार्मिक और कारोबारी दुनिया में एक चर्चित चेहरा बना दिया। लेकिन आज वही प्रखर गर्ग और उसकी पत्नी राखी गर्ग ठगी और धोखाधड़ी के मामलों में जेल की सलाखों के पीछे हैं।
गिरफ्तारी का घटनाक्रम
28 अगस्त 2025 को आगरा पुलिस को बड़ी सफलता मिली, जब उसने जयपुर के एक फाइव-स्टार होटल से प्रखर गर्ग और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया। दोनों पिछले कई महीनों से फरार चल रहे थे और पुलिस की निगरानी से बचने के लिए अलग-अलग शहरों में आलीशान होटलों में ठहरते रहे।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को इनपुट मिला था कि प्रखर गर्ग अपनी पत्नी संग जयपुर में है। एक विशेष टीम ने होटल में दबिश दी और दोनों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय प्रखर गर्ग बेहद शांत दिखाई दिया, जबकि उसकी पत्नी ने पुलिस से समय मांगा, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें सीधे हिरासत में ले लिया।
गिरफ्तारी के बाद दोनों को आगरा लाया गया और कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने गंभीर आरोपों को देखते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
धोखाधड़ी का मामला
प्रखर गर्ग पर जो सबसे गंभीर आरोप है, वह एक होटल सौदे से जुड़ा है।
पीड़ित कारोबारी ने बताया कि प्रखर गर्ग ने उनसे करोड़ों रुपये की डील की थी।
डील में वादा किया गया था कि बैनामा किया जाएगा, लेकिन कभी भी रजिस्ट्री पूरी नहीं हुई।
जब कारोबारी ने दबाव बनाया, तो प्रखर गर्ग ने चेक दिए, लेकिन वे चेक बाउंस हो गए।
इस धोखाधड़ी की कुल रकम लगभग ₹9 करोड़ बताई जा रही है।
गैर-जमानती वारंट और पुराना रिकॉर्ड
इससे पहले भी प्रखर गर्ग और उसकी पत्नी के खिलाफ कई मामले दर्ज हो चुके हैं।
अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किए थे।
रिकॉर्ड के अनुसार, प्रखर गर्ग के खिलाफ 21 से ज्यादा केस दर्ज हैं, जिनमें अधिकांश चेक बाउंस से जुड़े हैं।
एनआई एक्ट (धारा 138) के तहत उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए।
लोगों का कहना है कि प्रखर गर्ग ने अपने प्रभाव और पैसों के दम पर लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की, लेकिन इस बार पुलिस ने उसे दबोच ही लिया।
510 करोड़ दान का दावा – प्रचार का हथियार?
प्रखर गर्ग सुर्खियों में तब आया जब उसने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये दान देने का हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया।
उस समय कई लोग उसकी उदारता और धार्मिक भावना की सराहना करने लगे। मीडिया में बड़े-बड़े हेडलाइन बने।
लेकिन बाद में लोगों को शक हुआ कि यह दान असलियत में सिर्फ लोकप्रियता पाने का हथियार था।
कई सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि कोई वास्तव में 510 करोड़ दान कर सकता है, तो वह दूसरों के साथ 9 करोड़ की ठगी क्यों करेगा?
ईडी की छापेमारी और वित्तीय अनियमितताएँ
प्रखर गर्ग की मुश्किलें दिसंबर 2024 में और बढ़ीं, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसके आगरा स्थित ठिकानों पर छापेमारी की।
ईडी को संदेह था कि उसने अवैध लेन-देन किए हैं।
जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज और संपत्ति से जुड़े पेपर मिले।
ईडी ने कई बैंक खातों की भी जांच की।
इस कार्रवाई के बाद से प्रखर गर्ग के खिलाफ माहौल और बिगड़ गया।
पत्नी राखी गर्ग की भूमिका
गिरफ्तारी में प्रखर गर्ग के साथ उसकी पत्नी राखी गर्ग भी शामिल रही।
राखी गर्ग को भी कारोबारी डील में सहयोगी बताया गया।
कई केसों में वह सह-आरोपी हैं।
पुलिस के अनुसार, वह पति के कारोबारी लेन-देन में सक्रिय भूमिका निभाती थीं।
पीड़ितों और जनता की राय
धोखाधड़ी के इस मामले ने आगरा और आसपास के कई पीड़ितों को फिर से आवाज उठाने का मौका दिया है।
अरुण सोंधी (बैटरी व्यवसायी, पीड़ित): “मैंने विश्वास करके डील की, लेकिन न बैनामा हुआ, न पैसे लौटे। चेक भी बाउंस हो गए। अब उम्मीद है कि हमें इंसाफ मिलेगा।”
स्थानीय निवासी: “दान और धर्म के नाम पर खुद को बड़ा दिखाया, जबकि लोगों को ठगते रहे। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
कुंभ में हेमा मालिनी संग डुबकी
प्रखर गर्ग की लोकप्रियता तब और बढ़ी जब वह कुंभ मेले में मथुरा की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ संत के भेष में डुबकी लगाते नजर आए।
उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और उन्होंने खुद को एक धार्मिक दानवीर के रूप में पेश किया। लेकिन अब वही छवि लोगों के लिए सवाल बन गई है।
आगे की कानूनी कार्यवाही
अभी प्रखर गर्ग और उसकी पत्नी जेल में हैं। अदालत में अगली सुनवाई जल्द होनी है।
कानूनी जानकारों का कहना है कि चेक बाउंस और धोखाधड़ी के मामलों में उन्हें लंबी सजा हो सकती है।
अगर ईडी की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला साबित होता है, तो सजा और भी बढ़ सकती है।
प्रखर गर्ग का पूरा सफर यह दिखाता है कि किस तरह एक शख्स प्रचार और दान के नाम पर अपनी छवि बना सकता है, लेकिन असलियत छिप नहीं सकती।
510 करोड़ रुपये दान की घोषणा से लेकर 9 करोड़ की ठगी और गिरफ्तारी तक, प्रखर गर्ग का यह सफर समाज और कानून दोनों के लिए सबक है।
Agra’s controversial builder Prakhar Garg, who became famous for announcing a ₹510 crore donation for the Banke Bihari Corridor, has now been arrested with his wife Rakhi Garg in Jaipur over a ₹9 crore fraud case involving a hotel deal and bounced cheques. Multiple non-bailable warrants were pending against him, and he also faced over 21 cheque bounce cases under the NI Act (138). Earlier, the Enforcement Directorate (ED) raided his properties in 2024 for suspected money laundering. His arrest has raised questions about his earlier publicity stunt of donation and his close appearance with Hema Malini at Kumbh Mela.