AIN NEWS 1 | गुरुवार को एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही क्रैश हो गया। प्लेन में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि बचाव दल को शवों को पहचानने में भी दिक्कत हुई।
सिर्फ एक व्यक्ति बचा—विश्वास कुमार रमेश
इस दर्दनाक हादसे में केवल एक व्यक्ति बचा, जिनका नाम विश्वास कुमार रमेश है। वे सीट नंबर 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी। उनका जिंदा बचना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा। हालांकि वे गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
कैसे बचे विश्वास कुमार रमेश?
विश्वास एक ब्रिटिश नागरिक हैं और भारत दौरे पर आए थे। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद जब उन्हें होश आया, तो चारों ओर सिर्फ शव और प्लेन के टुकड़े बिखरे हुए थे। वे किसी तरह खुद को संभालते हुए मलबे से बाहर निकले और मदद की तलाश में भागे।
पीएम मोदी ने अस्पताल में की मुलाकात
हादसे के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने अस्पताल जाकर विश्वास कुमार रमेश से मुलाकात की और उनका हाल जाना।
एयर इंडिया ने खोले सहायता केंद्र
इस भयानक हादसे के बाद एयर इंडिया ने मृतकों के परिजनों की सहायता के लिए “मित्र एवं रिश्तेदार सहायता केंद्र” स्थापित किए हैं। ये केंद्र दिल्ली, मुंबई और गैटविक एयरपोर्ट पर सक्रिय हैं। एयर इंडिया ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर इस बारे में सूचना साझा की है।
In a shocking aviation tragedy, Air India’s Boeing 787 Dreamliner crashed shortly after takeoff from Ahmedabad, killing 241 passengers. Remarkably, only one person, Vishwas Kumar Ramesh, survived—he was seated on 11A near the emergency exit. PM Narendra Modi visited the crash site and met the lone survivor in the hospital. Air India has established help centers at Delhi, Mumbai, and Gatwick airports to assist the families of the victims.