AIN NEWS 1 ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर में प्रदूषण का स्तर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इससे शहर में घना धुंआ और धुंध छा गया है, जो नागरिकों के लिए स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ख़राब होता जा रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
वायु गुणवत्ता में गिरावट
ग़ाज़ियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने खतरनाक स्तर को पार कर लिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक़, शहर में वायु प्रदूषण मुख्य रूप से वाहनों, निर्माण कार्यों और पराली जलाने के कारण बढ़ रहा है। ग़ाज़ियाबाद के कुछ इलाकों में AQI 300 से ऊपर पहुंच चुका है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इस स्तर पर रहने वालों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों को।
हवा में धुंध और प्रदूषण का असर
ग़ाज़ियाबाद शहर में प्रदूषण की वजह से वायुमंडल में धुंध का मोटा परत बन गया है। यह धुंध सड़क पर दृश्यता को कम कर रही है, जिससे वाहन चालकों को यात्रा में कठिनाई हो रही है। हवा में प्रदूषण के छोटे कण (PM 2.5) का स्तर बेहद उच्च है, जो श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इस कारण से अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।
प्रदूषण के कारण और इसके उपाय
वर्तमान में प्रदूषण का मुख्य कारण बढ़ती यातायात घनत्व, निर्माण कार्यों का धूल और आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाना है। इन कारणों से जहरीले गैसें वातावरण में फैल रही हैं, जो स्वच्छ हवा को प्रभावित कर रही हैं। ग़ाज़ियाबाद नगर निगम ने प्रदूषण कम करने के लिए कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है। प्रशासन ने वाहन उत्सर्जन नियंत्रण, निर्माण स्थल पर धूल नियंत्रण उपायों और पराली जलाने के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।
नागरिकों को चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ग़ाज़ियाबाद के निवासियों को सलाह दी है कि वे बाहर जाने से बचें, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न भेजें। यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। साथ ही, गाड़ियों में हवा की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए कार्बन फिल्टर का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट या अन्य जलनकारी पदार्थों का प्रयोग करने से भी बचने की आवश्यकता है, ताकि वायु में प्रदूषण के स्तर को और न बढ़ाया जा सके।
भविष्य में क्या उम्मीदें हैं?
जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ेगी, स्थिति और भी खराब हो सकती है, क्योंकि ठंडी हवा प्रदूषण को अधिक समय तक बनाए रखती है। इस समय में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को गंभीरता से लागू करना बेहद जरूरी है। ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सक्रिय कदम उठाने का वादा किया है।
समय रहते यदि इन उपायों को सही तरीके से लागू किया जाए, तो वायु प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है और नागरिकों की सेहत को सुरक्षा मिल सकती है।