AIN NEWS 1 Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश की बड़ी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो का उत्तराधिकारी अब तय हो गया है। उत्तर प्रदेश की ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसका अब ऐलान कर दिया है। लखनऊ में ही रविवार को हुई बसपा की बैठक में उन्होंने अपने ब्यान में कहा कि अब आकाश आनंद ही उनके उत्तराधिकारी होंगे। यहां हम आपको बता दें आकाश आनंद मायावती के ही भतीजे हैं। आइये आज हम जानते हैं कि कौन हैं आकाश आनंद और क्यों बसपा सुप्रीमो ने इस समय यह कदम उठाया है।
बता दें लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव दोनों में ही बहुजन समाज पार्टी (BSP) का कोई भी खास प्रदर्शन तो नहीं रहा। वैसे तो यूपी में सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाली पार्टी बसपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश में सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली थी। ऐसे में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी 2024 में पार्टी को मजबूत और नयापन देने के लिए ही मायावती ने अब अपने उत्तराधिकारी का ऐलान कर दिया है। लखनऊ में हुई इस पार्टी की बैठक में बुलाए गए सभी राष्ट्रीय और राज्य के प्रमुख पदाधिकारियों के सामने ही बसपा सुप्रीमो ने अपने भतीजे आकाश आनंद के नाम का ऐलान किया है।
अब हम आपको बता दें कौन हैं मायावती के यह उत्तराधारी
यहां बता दें लंदन से एमबीए की पढ़ाई कर चुके आकाश आनंद ने साल 2017 में ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था। वे पहली बार ही सहारनपुर में बसपा की रैली में नजर आए थे। इस दौरान उनके साथ रैली में मायावती भी मौजूद थीं। बताया तो यह जा रहा है कि उसी दिन उन्हें राजनीति में लॉन्च कर दिया गया था। वे बसपा में काफ़ी समय से नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। हालांकि, अगर गौर करें तो जबसे आकाश आनंद राजनीति में आए तबसे ही बसपा का ग्राफ गिरा है। 2019 लोकसभा चुनाव और दो यूपी विधानसभा चुनाव 2017 और 2022 में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।
जान ले इस दौरान उत्तराधिकारी बनाने के पीछे की ख़ास वजह
बता दें मायावती द्वारा आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने के पीछे कोई बड़ी वजह है। हालांकि, बसपा ने अपनी पार्टी के काफ़ी बड़े और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर इस तरह से आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित कर सबको ही चौंका दिया है। सियासी गलियारों में भी इस बात की पूरी चर्चा है कि मायावती ही अब अपने भतीजे को राजनीति में एक धुरंधर खिलाड़ी बनाना चाहती हैं, इसलिए उन्हें अभी से ही यह चुनाव के दांव पेंच सिखाए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में ही पार्टी अपने नए उत्तराधिकारी के साथ उतर सकती है।