AIN NEWS 1 | गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आर्टिकल 370 के हटने के बाद हुए बदलावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, पत्थरबाजी और जबरन बंद की घटनाओं में भारी कमी आई है। इसके अलावा, राज्य में अब तक का सबसे बड़ा निवेश हुआ है, जो पहले कभी नहीं देखा गया।
तीन नासूर: आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर का उग्रवाद
अमित शाह ने कहा कि देश को तीन प्रमुख समस्याओं से जूझना पड़ा है:
- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद
- वामपंथी नक्सलवाद
- पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद
उन्होंने बताया कि इन समस्याओं के कारण पिछले 40 वर्षों में 92,000 नागरिकों की जान गई। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद इन मुद्दों पर ठोस कार्रवाई की, जिससे स्थिति में सुधार हुआ।
आतंकवाद पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
गृह मंत्री ने बताया कि पहले आतंकवादी पाकिस्तान से घुसपैठ कर भारत में हमले करते थे, लेकिन सरकार की सख्ती के कारण अब यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके आतंकवादियों को करारा जवाब दिया।
370 हटने के बाद बड़े बदलाव
अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि 2019 में जब 370 हटाया गया, तब से लेकर अब तक:
- आतंकवादी घटनाओं में भारी गिरावट देखी गई।
- पत्थरबाजी की घटनाएं पूरी तरह समाप्त हो गईं।
- जम्मू-कश्मीर में अब कोई आतंकवादी समर्थन में जुलूस नहीं निकलता।
- विवादित इलाकों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन तेज हुआ।
- राज्य में 12,000 करोड़ का प्रत्यक्ष निवेश आया, और 1,10,000 करोड़ की योजनाएं पाइपलाइन में हैं।
- पर्यटन में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई, 2023 में 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचे।
लोकतंत्र की मजबूती
370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार लोकतंत्र पूरी तरह सक्रिय हुआ। पहले जहां सिर्फ 90 विधायक और 6 सांसद थे, अब वहां 34,262 निर्वाचित जनप्रतिनिधि कार्यरत हैं।
विपक्ष पर हमला
अमित शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वे पूछते हैं कि 370 हटने के बाद क्या बदला? उन्होंने कहा कि जिन्हें देखने की क्षमता है, उन्हें बदलाव साफ दिखेगा, लेकिन जो राजनीतिक चश्मा लगाए बैठे हैं, उन्हें कुछ नहीं दिखाई देगा।