AIN NEWS 1 | मध्य प्रदेश से सामने आई यह घटना केवल एक आत्महत्या की रिपोर्ट नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाली कहानी है। 24 वर्षीय युवती अंजलि (बदला हुआ नाम) ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया, लेकिन उससे भी अधिक दिल छू लेने वाला था उसका लिखा गया सुसाइड नोट।
इस नोट में उसने किसी को दोषी नहीं ठहराया, बल्कि अपने एक बेहद करीबी दोस्त को ‘हमदर्द’ कहते हुए उससे आखिरी इच्छा जाहिर की — कि वो उसके बैंक खाते के पैसे संभाले और उसकी अंतिम क्रिया भी वही करे।
क्या लिखा था अंजलि ने अपने सुसाइड नोट में?
पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल से जो नोट मिला, उसमें अंजलि ने बेहद सीधे और भावनात्मक शब्दों में लिखा:
“मेरे पैसे तुम रख लेना। मेरी अंतिम क्रिया तुम ही करना। मुझे मुखाग्नि सिर्फ तुम देना।”
उसने इसमें कहीं भी अपने माता-पिता या किसी और रिश्तेदार को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया। न ही उसने किसी पर कोई आरोप लगाया। यह सुसाइड नोट साफ तौर पर दिखाता है कि वह अपने इस खास दोस्त पर कितना भरोसा करती थी और उसे अपने जीवन के अंतिम पलों में भी सबसे करीबी मानती थी।
कैसा था अंजलि और उसके दोस्त का रिश्ता?
जानकारी के अनुसार, अंजलि और उसका यह दोस्त एक-दूसरे को कई सालों से जानते थे। अंजलि उसे ‘हमदर्द’ मानती थी और जब भी वो तनाव में होती, उस दोस्त की मौजूदगी उसे भावनात्मक राहत देती थी।
हालांकि पुलिस जांच में अब तक यह स्पष्ट हो चुका है कि इस दोस्त का अंजलि की आत्महत्या से कोई सीधा लेना-देना नहीं है। उनका रिश्ता दोस्ती और भावनात्मक सहयोग तक ही सीमित था।
आखिर क्यों उठाया ऐसा कदम?
यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि अंजलि ने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम क्यों उठाया।
पुलिस उसकी सोशल मीडिया एक्टिविटी, मोबाइल चैट्स और कॉल रिकॉर्ड्स खंगाल रही है ताकि किसी संभावित कारण का पता चल सके।
अब तक की जांच में किसी खास व्यक्ति, प्रेम प्रसंग या घरेलू विवाद की पुष्टि नहीं हो सकी है। जांच अधिकारी यह मान रहे हैं कि हो सकता है वह किसी मानसिक तनाव से जूझ रही हो, जिसका उसने कभी खुलकर जिक्र नहीं किया।
परिवार की प्रतिक्रिया:
परिवारजन इस खबर से सदमे में हैं। उनका कहना है कि अंजलि एक शांत, समझदार और जिम्मेदार लड़की थी।
हालांकि उन्होंने यह भी माना कि पिछले कुछ दिनों से वह थोड़ी चुप-चुप सी रहती थी, लेकिन किसी गंभीर तनाव या मानसिक स्थिति की जानकारी नहीं थी।
परिवार का यह भी कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह ऐसा कुछ कर सकती है।
पुलिस की ओर से क्या कहा गया?
थाना प्रभारी ने मीडिया को बताया:
“घटना स्थल से जो सुसाइड नोट मिला, उसमें एक दोस्त का जिक्र है, लेकिन किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है। हमने पोस्टमार्टम करवा लिया है और सभी जरूरी जांच जारी है। फिलहाल आत्महत्या का कारण साफ नहीं है।”
समाज में बढ़ती आत्महत्याएं – गंभीर चिंता का विषय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या युवाओं की मौत का एक प्रमुख कारण बन चुका है।
भारत में हर साल हजारों युवा आत्महत्या करते हैं और इनमें से अधिकतर मामलों में मानसिक स्वास्थ्य, अकेलापन, असफलताएं या पारिवारिक दबाव कारण बनते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य को समझने की जरूरत
मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति लगातार तनाव, उदासी या निराशा महसूस कर रहा है, तो उसे अकेले नहीं रहना चाहिए।
परिवार और दोस्तों से बात करें
प्रोफेशनल काउंसलिंग लें
हेल्पलाइन या मानसिक स्वास्थ्य सेवा से संपर्क करें
कई बार सिर्फ एक सही बातचीत, एक संवेदनशील दोस्त या परिवार का साथ किसी की जान बचा सकता है।
संदेश समाज के लिए
अंजलि की यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने आसपास के लोगों की मानसिक स्थिति को कितना समझते हैं। क्या हम किसी के भीतर के दर्द को पहचान पाते हैं?
कई बार जो लोग बाहर से सामान्य दिखते हैं, वे भीतर से टूटे हुए होते हैं। जरूरी है कि हम संवेदनशील बनें, सुनें और सहारा दें।
अंजलि का सुसाइड नोट केवल उसकी अंतिम इच्छा का दस्तावेज नहीं, बल्कि उस गहरे भावनात्मक जुड़ाव और आंतरिक संघर्ष का संकेत है, जिससे वह गुजर रही थी।
उसके शब्द उसकी टूटन को बयां करते हैं और यह हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
अब समय है कि हम आत्महत्या की घटनाओं को सिर्फ खबर न मानें, बल्कि उनके पीछे की कहानियों को समझें और समाधान की ओर कदम बढ़ाएं।
A heartbreaking case from Madhya Pradesh has surfaced where a 24-year-old girl named Anjali left behind an emotional suicide note for her close friend, asking him to keep her bank savings and perform her last rites. She didn’t blame anyone but expressed her trust in her friend, calling him her ‘humdard’ (soulmate). The police investigation focuses on a possible mental health issue, raising awareness about the rising trend of youth suicide in India and the urgent need for emotional support and suicide prevention.