AIN NEWS 1 | मुरादनगर में एलएलबी छात्रा से जुड़े दुष्कर्म के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष आयुष त्यागी को सोमवार को एसीपी कोर्ट ने जमानत दे दी। जैसे ही रिहाई की खबर सामने आई, उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और उनके घर पर उत्सव का माहौल बन गया।
पुलिस अब इस मामले में नगर अध्यक्ष बताए जा रहे सुशील प्रजापति को रिमांड पर लाने की तैयारी कर रही है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय
आयुष त्यागी का यह मामला न सिर्फ मुरादनगर, बल्कि प्रदेश के राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का केंद्र बन गया है। सवाल उठ रहे हैं कि जब मामला बढ़ गया था, तो हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश और राष्ट्रीय नेताओं ने कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी।
आयुष त्यागी की गिरफ्तारी के समय से ही पुलिस का रुख सख्त रहा। उन्हें पहले दिन से ही जेल भेजा गया। मीडिया और जनता के बीच संगठन की “असली और नकली” पहचान को लेकर भ्रम भी फैला।
सूत्रों के अनुसार, आयुष त्यागी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं और हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े हैं। यही कारण है कि उनकी गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने को लेकर राजनीतिक दबाव और साजिश की अटकलें लगाई जा रही हैं।
समर्थकों और परिवार का दावा
आयुष त्यागी की पत्नी गीता त्यागी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर आरोप लगाया कि उनके पति को षड्यंत्र और कपट के तहत फंसाया गया।
आयुष त्यागी ने भी पुलिस पर हत्या की साजिश रचने और उनके खिलाफ माहौल बनाने का आरोप लगाया। उनके समर्थकों की बड़ी भीड़ उनके आवास पर एकत्र हुई थी, जिससे पुलिस प्रशासन को पीएसी और अतिरिक्त फोर्स तैनात करना पड़ा। यह दर्शाता है कि मामला साधारण नहीं, बल्कि किसी राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकता है।
आयुष त्यागी की लोकप्रियता और सामाजिक कार्य
मुरादनगर क्षेत्र में आयुष त्यागी ने धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है।
गरीब कन्याओं के विवाह में मदद।
गौकशी विरोधी आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी।
कांवड़ मेला और अतिक्रमण हटवाने के अभियानों में शामिल।
रक्षा बंधन जैसे आयोजनों में हजारों लोगों को जोड़ना।
इन कार्यक्रमों से उनकी लोकप्रियता बढ़ी और समर्थक भीड़ तैयार हो गई। कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि और सत्ता से जुड़े नेता उनकी बढ़ती पहचान से असहज नजर आए।
आगे की राह – भविष्य की संभावनाएँ
जमानत मिलने के बाद अब सवाल यह है कि आयुष त्यागी आगे क्या कदम उठाएंगे।
क्या वे पुलिस की कार्यप्रणाली और स्थानीय नेताओं की भूमिका का खुलासा करेंगे?
क्या वे सीधे मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुँचा पाएंगे?
या राजनीतिक दबाव के चलते मामला धीरे-धीरे शांत हो जाएगा?
समर्थक मानते हैं कि आयुष त्यागी इस मामले की सच्चाई सामने लाने की कोशिश करेंगे।



















