AIN NEWS 1 | देशभर में बुधवार को भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए इस बंद ने खासतौर पर केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में जनजीवन को प्रभावित किया। सड़कों पर बसें नहीं चलीं, बाजार बंद रहे और कई जगह ट्रेनों को रोकने की कोशिश की गई।
🚫 क्यों हुआ भारत बंद?
देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नई श्रम संहिता (Labour Codes) के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया। यूनियनों का कहना है कि नई श्रम संहिताएं मजदूर विरोधी हैं और इससे:
काम के घंटे बढ़ेंगे
हड़ताल करना मुश्किल होगा
नौकरी और वेतन असुरक्षित हो जाएंगे
🔥 कहां-कहां दिखा सबसे ज़्यादा असर?
केरल: कोझीकोड, कोट्टायम और कोच्चि में बस सेवाएं ठप रहीं और दुकानें व मॉल बंद रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
तमिलनाडु (कोयंबटूर): सार्वजनिक परिवहन रोका गया, जिससे आमजन को परेशानी हुई।
पश्चिम बंगाल: कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर लेफ्ट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और ट्रेनों को रोकने की कोशिश की। कुछ जगहों पर आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं।
📢 किन ट्रेड यूनियनों ने किया समर्थन?
भारत बंद को जिन प्रमुख यूनियनों ने समर्थन दिया, उनमें शामिल हैं:
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
हिंद मजदूर सभा (HMS)
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU)
यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)
सेफ्ल एम्प्लॉयड वीमेंस एसोसिएशन (SEWA)
लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन
ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)
👷♀️ कितने कर्मचारी जुड़े?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 25 करोड़ कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया, जिससे देशभर में बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट और सरकारी सेवाएं प्रभावित हुईं।