Bhim Army Protest in Prayagraj: Violence, Arson and 35 Injured After Chandrashekhar Azad Stopped
प्रयागराज में भीम आर्मी का बवाल: चंद्रशेखर को रोके जाने पर हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी
AIN NEWS 1: प्रयागराज में रविवार को उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह बवाल तब शुरू हुआ जब पार्टी के संस्थापक और सांसद चंद्रशेखर आजाद को करछना के इसौटा गांव में एक दलित पीड़ित परिवार से मिलने से पुलिस ने रोक दिया।
दरअसल, दो महीने पहले इसौटा गांव के रहने वाले अनुसूचित जाति के युवक देवीशंकर की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में ठाकुर समुदाय के सात समेत आठ लोगों को पुलिस ने जेल भेजा था। सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को 11 बिस्वा खेती योग्य जमीन और 200 वर्ग मीटर आवासीय भूमि आवंटित की गई थी।
हालांकि, आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी का दावा था कि पीड़ित परिवार को अब तक कोई ठोस सहायता नहीं मिली और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा। इसी के चलते चंद्रशेखर आजाद प्रयागराज पहुंचे ताकि वे पीड़ित परिवार से मिल सकें और उनके समर्थन में आवाज उठा सकें।
❗ विरोध ने लिया उग्र रूप
चंद्रशेखर जब प्रयागराज पहुंचे तो प्रशासन ने उन्हें करछना जाने से रोक दिया। पुलिस का कहना था कि गांव में पहले से ही भीम आर्मी के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद हैं और ऐसी स्थिति में उनके जाने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसी कारण उन्हें सर्किट हाउस में रोका गया और पुलिस खुद पीड़ित परिवार को लाकर उनसे मिलवाने की बात कहने लगी।
लेकिन यह निर्णय कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं था। जैसे ही खबर फैली कि सांसद को गांव जाने से रोका गया है, भारी संख्या में कार्यकर्ता भड़ेवरा बाजार पहुंचे और सड़क जाम कर दी। देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई और उग्र भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया।
पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़
करीब ढाई घंटे तक चले इस उपद्रव में हालात बेहद बिगड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की, आगजनी की और पुलिस की चार गाड़ियों समेत 40 से अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। छह बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि इस पथराव में 12 पुलिसकर्मियों सहित कुल 35 लोग घायल हो गए, जिनमें कुछ निर्दोष ग्रामीण भी शामिल थे।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने सख्ती दिखाई। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय पाल शर्मा खुद मौके पर पहुंचे और 14 थानों की पुलिस फोर्स व पीएसी के जवानों को तैनात किया गया। काफी प्रयासों के बाद शाम करीब साढ़े छह बजे हालात काबू में आए।
पुलिस ने अब तक 30 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है और 50 नामजद सहित 500 से अधिक अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। वीडियो और फोटो फुटेज के आधार पर अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।
पीड़ित परिवार की बेटी हुई बेहोश
हंगामे के दौरान एक दर्दनाक दृश्य तब सामने आया जब पीड़ित युवक देवीशंकर की 16 वर्षीय बेटी पुलिस की जीप में बैठी थी और प्रदर्शन के बीच वह बेहोश हो गई। इससे वहां मौजूद लोगों की भावनाएं और भड़क उठीं और उपद्रव और ज्यादा उग्र हो गया।
चंद्रशेखर आजाद का बयान
सांसद चंद्रशेखर ने प्रशासन पर छल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मुझे बमरौली एयरपोर्ट से सर्किट हाउस लाया गया और कहा गया कि पीड़ित परिवार से वहीं मिलवा देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे कौशांबी के एक अन्य पीड़ित परिवार से भी मिलना था। अब हम इस लड़ाई को लखनऊ और संसद तक ले जाएंगे।”
यह घटना सिर्फ एक राजनीतिक दौरे तक सीमित नहीं रही, बल्कि उत्तर प्रदेश में दलित अत्याचार और प्रशासन के प्रति अविश्वास की एक झलक भी पेश करती है। एक ओर सरकार ने मुआवजा देने का दावा किया, वहीं दूसरी ओर विरोधी दल और कार्यकर्ता न्याय की कमी का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि हिंसा किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं है, फिर भी यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि सामाजिक असंतुलन को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
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A massive protest by Bhim Army supporters turned violent in Prayagraj after their leader Chandrashekhar Azad was stopped from visiting the family of a Dalit man murdered two months ago. The protest saw large-scale stone-pelting, vandalism, arson, and over 35 injuries. Police vehicles and shops were damaged, and the situation escalated until heavy police deployment brought it under control. This Bhim Army protest in Prayagraj highlights ongoing caste tensions, political mobilization by Azad Samaj Party, and law and order challenges in Uttar Pradesh.