AIN NEWS 1: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए बड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस के अनुसार, 12 माओवादियों के मारे जाने की संभावना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। यह ऑपरेशन तेलंगाना सीमा से लगे पहाड़ी इलाकों में चलाया गया, जिसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
सुकमा और बीजापुर जिले के जंगलों को नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। यहां नक्सलियों की गतिविधियां लंबे समय से देखी जाती रही हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली इस इलाके में सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे हैं। इस इनपुट के आधार पर 16 जनवरी को सुकमा में डिस्ट्रीक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और अन्य बलों ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन शुरू किया।
मुठभेड़ का घटनाक्रम
सुरक्षा बलों ने तीन दिशाओं से जंगल में घुसकर नक्सलियों को घेर लिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जो शाम 5 बजे तक चली। नक्सलियों ने अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग की, जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
मुठभेड़ के बाद जवानों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान 12 नक्सलियों के शव बरामद हुए। हालांकि, जंगल की भौगोलिक स्थिति और रात होने के कारण सर्च ऑपरेशन पूरी तरह से पूरा नहीं हो सका।
अभियान की चुनौतियां और रणनीति
इस ऑपरेशन में करीब 2500 जवान शामिल थे, जो बीजापुर और सुकमा के विभिन्न इलाकों से भेजे गए थे। जंगल का दुर्गम इलाका और ठंड का मौसम अभियान के लिए बड़ी चुनौती थे। जवानों ने इलाके को पूरी तरह से घेर रखा है, ताकि नक्सली भाग न सकें।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मुठभेड़ के बाद भी इलाके में अन्य नक्सली समूहों के छिपे होने की संभावना है। सुबह होने के बाद तलाशी अभियान फिर से शुरू किया जाएगा, जिससे और अधिक जानकारी सामने आ सकती है।
पहले भी चल चुके हैं ऑपरेशन
तेलंगाना सीमा से लगे इस इलाके में लंबे समय बाद इतना बड़ा ऑपरेशन हुआ है। इससे पहले ग्रे हाउंड्स और अन्य विशेष बलों ने यहां अभियान चलाए थे। हालांकि, इलाके की जटिल भौगोलिक स्थिति और नक्सलियों की मजबूत पकड़ के कारण सुरक्षाबलों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
पुलिस का बयान और आगे की योजना
बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारी और आईजी सुंदरराज पी ने ऑपरेशन की निगरानी की। उन्होंने कहा कि अभियान से जुड़ी जानकारी दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगी। इस ऑपरेशन के सफल होने से नक्सलियों को बड़ा झटका लगेगा और क्षेत्र में सुरक्षाबलों की स्थिति और मजबूत होगी।
नक्सल प्रभावित इलाकों में बढ़ेगी सक्रियता
इस ऑपरेशन के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य सुरक्षाबल नक्सल प्रभावित इलाकों में अपनी सक्रियता बढ़ा सकते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के बड़े अभियानों से नक्सलियों के मनोबल पर असर पड़ता है।
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The Chhattisgarh police launched a major anti-Naxalite operation in Sukma and Bijapur’s dense forests, targeting Maoist strongholds near the Telangana border. This operation, involving over 2,500 personnel, resulted in the recovery of 12 Maoist bodies after an intense encounter. Known for its challenging terrain and Naxalite activity, this region had long been under their control. This operation not only marks a significant victory for the police but also delivers a critical blow to Naxalite operations in the area.