AIN NEWS 1 | अगर आप बिहार के वोटर हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद अहम है। चुनाव आयोग द्वारा राज्य भर में चल रही मतदाता सत्यापन प्रक्रिया (SIR) अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुकी है। इस प्रक्रिया में सामने आया है कि लगभग 37 लाख वोटर ऐसे हैं जो अब अपने पते पर नहीं मिल रहे।
इनमें कुछ लोगों की मौत हो चुकी है, कुछ अपना निवास स्थान बदल चुके हैं और कुछ का नाम दो या उससे ज्यादा जगह पर पंजीकृत है। ऐसे में यदि संबंधित Booth Level Agents (BLA) द्वारा की गई दोबारा जांच में ये तथ्य सही पाए जाते हैं, तो इन सभी लोगों के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे।
अब तक का अपडेट: 94.68% वोटर्स का हो चुका है वेरिफिकेशन
चुनाव आयोग की ओर से जारी आधिकारिक डेटा के अनुसार, राज्य में कुल 7.89 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें से अब तक 94.68 फीसदी का सत्यापन पूरा हो चुका है। इसका मतलब है कि अभी भी लाखों मतदाता ऐसे हैं जिनकी पहचान और पता जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
अब तक 7,48,59,631 मतदाताओं का सफलतापूर्वक सत्यापन किया जा चुका है। शेष बचे लोगों का डेटा जुटाने और फॉर्म स्वीकार करने का कार्य अभी भी चल रहा है।
90 फीसदी से अधिक फॉर्म जमा हो चुके हैं
ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 90.12% फॉर्म सफलतापूर्वक भरे और जमा किए जा चुके हैं। हालांकि, अभी भी 5.2 फीसदी फॉर्म का डेटा जुटाया जाना बाकी है।
वहीं, लगभग 4.67 फीसदी मतदाता ऐसे हैं जो अब अपने पुराने पते पर नहीं मिल रहे।
इनमें शामिल कारण:
कुछ लोगों की मृत्यु हो चुकी है
कुछ ने स्थान परिवर्तन कर लिया है
कुछ मतदाता दोहरे पंजीकरण में शामिल पाए गए हैं (यानी एक से ज्यादा जगह नाम दर्ज)
इसलिए, इनकी पहचान पुख्ता होने के बाद ड्राफ्ट सूची से इन्हें हटाया जा सकता है।
डिजिटल तरीके से हुआ ज़्यादातर सत्यापन
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस बार मतदाता सत्यापन में डिजिटल माध्यम का काफी ज़्यादा उपयोग हुआ।
अब तक 6.85 करोड़ से ज्यादा फॉर्म ऑनलाइन माध्यम से जमा किए गए हैं, जो कुल फॉर्म का करीब 87% हिस्सा है।
यह साफ़ दर्शाता है कि लोग अब ऑफलाइन के बजाय डिजिटल साधनों का उपयोग अधिक कर रहे हैं और चुनाव आयोग भी धीरे-धीरे तकनीकी अपग्रेड की ओर बढ़ रहा है।
ड्राफ्ट लिस्ट और सुधार की प्रक्रिया
चुनाव आयोग की योजना के मुताबिक, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद एक महीने का समय दिया जाएगा, जिसमें अगर किसी को लगता है कि उनका नाम गलत तरीके से हटा दिया गया है, या किसी तरह की गलती हुई है, तो वे सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आपका नाम भी कट सकता है! करें ये काम तुरंत:
अगर आप बिहार के निवासी हैं और आपने अब तक सत्यापन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया है, तो तुरंत वोटर हेल्पलाइन ऐप या NVSP पोर्टल (https://voters.eci.gov.in) पर जाकर अपने विवरण की जांच करें।
जरूरी कदम:
अपना वोटर ID नंबर डालकर पता सत्यापित करें
यदि बदलाव की जरूरत है, तो फॉर्म 8 भरें
दो पते पर नाम हो तो एक को हटाने के लिए फॉर्म 7 भरें
अगर आप पहली बार रजिस्टर करना चाहते हैं, तो फॉर्म 6 भरें
भविष्य के चुनावों पर असर पड़ेगा
अगर 37 लाख मतदाताओं का नाम लिस्ट से हटा दिया जाता है, तो इसका सीधा असर 2025 या 2026 में संभावित विधानसभा या लोकसभा चुनावों पर पड़ सकता है। ऐसे में यदि कोई पात्र नागरिक इस सत्यापन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेता, तो वह वोटिंग से वंचित रह सकता है।
SIR प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और चुनाव आयोग इसे बेहद गंभीरता से ले रहा है। 37 लाख नाम हटना कोई छोटी बात नहीं है।
इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका वोट बना रहे और आप लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लें, तो आज ही अपने वोटर डिटेल्स को चेक करें।
The Election Commission of India has announced that nearly 37 lakh voters in Bihar may have their names removed from the 2025 draft voter list due to address mismatches, deaths, or duplicate registrations. The ongoing SIR (Systematic Voter Verification) process has reached its final phase, with over 94% of voters verified. The draft voter list will be published on August 1, 2025, and citizens will have one month to request corrections.