Wednesday, November 27, 2024

दिल्ली हाईकोर्ट में बृजभूषण सिंह की याचिका: एफआईआर रद्द करने के लिए मिली 2 हफ्ते की मोहलत?

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AIN NEWS 1 नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न की एफआईआर को रद्द कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। अदालत ने बृजभूषण सिंह को इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने बृजभूषण सिंह को दो हफ्ते का समय दिया और आदेश दिया कि वे आरोप पत्र और उससे जुड़ी सभी कार्यवाहियों को रद्द करने के लिए एक संक्षिप्त नोट तैयार करें। इसके साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी एक आदेश को सभी मुद्दों पर लागू नहीं किया जा सकता और सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश को चुनौती देने के साथ ही एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द करने की याचिका पर सवाल उठाया।

सिंह के वकील राजीव मोहन ने तर्क किया कि आरोप लगाने वाली महिलाओं के बयान में कोई निरंतरता नहीं है और ये आरोप किसी अन्य मकसद से प्रेरित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि बृजभूषण सिंह डब्ल्यूएफआई के प्रमुख थे, इसलिए शिकायतों का साझा मकसद उन्हें इस पद से हटाना था।

वहीं, सरकार और पीड़िताओं के वकीलों ने बृजभूषण सिंह की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह सुनवाई के योग्य नहीं है। वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा कि छह महिला पहलवानों ने शिकायत की थी और निचली अदालत ने पाया कि इनमें से एक की शिकायत की समय सीमा पूरी हो चुकी थी। निचली अदालत ने पांच पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर आरोप तय किए थे, जो कि एक गंभीर विचार-विमर्श के बाद किया गया था।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दिए जा रहे तर्कों पर निचली अदालत द्वारा पहले ही विचार किया जाना चाहिए था। बृजभूषण सिंह ने आरोप लगाया है कि जांच पक्षपातपूर्ण थी और केवल पीड़ितों के बयान पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है और उनके खिलाफ लगाए गए अपराधों का कोई सबूत नहीं है।

निचली अदालत ने 21 मई को बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए थे। इस मामले में सह-आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया गया था। मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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