AIN NEWS 1 | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हर साल बजट को लाल थैली (बही-खाता) में लेकर आती हैं। पहले वित्त मंत्री बजट को एक ब्रीफकेस में रखते थे, लेकिन 2019 से इस परंपरा को बदल दिया गया। अब बजट को एक डिजिटल टैबलेट में तैयार किया जाता है, जिसे लाल थैली में लपेटकर संसद में लाया जाता है।
बजट ब्रीफकेस से लाल थैली तक का सफर
- अंग्रेजों की परंपरा का अंत: पहले भारत में ब्रिटिश परंपरा के अनुसार बजट को ब्रीफकेस में पेश किया जाता था।
- 2019 में बदलाव: निर्मला सीतारमण ने इसे औपनिवेशिक परंपरा कहकर त्याग दिया और बजट को बही-खाता के रूप में प्रस्तुत किया।
- डिजिटल बजट: अब बजट को कागजों में नहीं बल्कि एक टैबलेट में रखा जाता है, जिससे डिजिटल इंडिया पहल को भी बढ़ावा मिलता है।
डी-कॉलोनाइजेशन का हिस्सा
यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में औपनिवेशिक रीति-रिवाजों से बाहर निकलने की एक बड़ी पहल है। बजट ब्रीफकेस का उपयोग ब्रिटिश शासनकाल की निशानी था, जिसे हटाकर भारत की परंपराओं को अपनाने पर जोर दिया गया।
बजट 2025: क्या उम्मीदें हैं?
- आर्थिक सुधार और नीतियां: बजट के जरिए भारत की इकोनॉमी को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी।
- महंगाई पर नियंत्रण: सरकार महंगाई से राहत देने के लिए कुछ नए कदम उठा सकती है।
- रोजगार और विकास: बजट में रोजगार के नए अवसरों पर भी जोर दिया जाएगा।
अब सबकी नजरें वित्त मंत्री के बजट भाषण पर हैं, जहां से देश की आर्थिक दिशा का संकेत मिलेगा।
Since 2019, Finance Minister Nirmala Sitharaman has replaced the traditional budget briefcase with a red cloth (bahi-khata), marking a shift from colonial traditions. The Union Budget 2025 will also follow this pattern, with the budget stored digitally in a tablet wrapped in the red cover. This change aligns with the Modi government’s decolonization efforts and signifies India’s transition toward a modernized economic approach. Know more about this budget tradition, economic reforms, and digital transformation in India’s financial sector.