AIN NEWS 1: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मिलने के बाद आरोपी सोपन गाडे द्वारा मनाए गए जश्न को लेकर गंभीर प्रतिक्रिया दी है। गाडे पर जमानत मिलने के बाद उसके समर्थकों ने नेवासा शहर में बड़े पैमाने पर जुलूस निकाला और फूलों की बारिश की, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया।
घटना की जानकारी:
महाराष्ट्र के नेवासा का निवासी सोपन गाडे कई गंभीर मामलों में आरोपी है, जिनमें 2013 का एक हत्या का मामला भी शामिल है। निचली अदालत और बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दी, क्योंकि वह लगभग एक दशक से जेल में था।
जमानत मिलने के बाद, गाडे ने अपने समर्थकों के साथ शहर में एक विशाल जुलूस निकाला जिसमें 100-150 चार पहिया और 70-80 दोपहिया वाहन शामिल थे। समर्थकों ने पटाखे फोड़े और जेसीबी से फूलों की बारिश की, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर 5-6 घंटे तक जाम लगा रहा।
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया:
शिकायतकर्ता आसिफ खान ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने कहा कि जुलूस के कारण सड़क पर भारी भीड़ और जाम की स्थिति उत्पन्न हुई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुस्सा जाहिर किया और कहा कि जमानत मिलने पर इस प्रकार के जश्न को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसा कोई जश्न या रैली आयोजित की जाती है, तो उसकी जमानत रद्द की जा सकती है। कोर्ट ने आरोपी के वकील से लिखित में यह देने को कहा कि वे भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।
निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जमानत मिलने के बाद आरोपियों को ऐसा जश्न मनाने का कोई हक नहीं है, क्योंकि इससे गवाहों और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।