Ainnews1.com:-नोएडा प्राधिकरण के द्वारा यमुना नदी के खादर क्षेत्र में बनाए गए फार्म हाउसों को कोई राहत नहीं मिली। मुद्दा यह था, कि 20 जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फार्म हाउस के मालिकों को मामूली राहत दी थी। जिसमें नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इनके प्रत्यवेदनों को उचित ढंग से निस्तारित करने का आदेश दिया थ।मिली जानकारी के मुताबिक सीईओ ने आपत्ति और प्रतिवेदन का निस्तारण कर दिया है । फार्म हाउसों को अवैध मानते हुए सारे प्रत्यावेदन खारिज कर दिए गए हैं. अथॉरिटी ने फार्म हाउस मालिकों की आपत्तियां खारिज की।नोएडा अथॉरिटी यमुना खादर के फार्म हाउस मालिकों को कोई रियायत देने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है।मिली जानकारी के मुताबिक फार्म हाउस मालिकों की ओर से दी गई आपत्तियां खारिज कर दी गई है। प्राधिकरण ने स्पीकिंग ऑर्डर तैयार किया है,कि यह आदेश जल्द ही आपत्ति करने वाले सारे फार्म हाउस मालिकों को दिया जाएगा। इन लोगों को प्राधिकरण की ओर से फार्म हाउस के खिलाफ जारी ध्वसतीकरण के आदेश को वशीकरण के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए 14 जून को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। कि फार्म हाउस संचालकों को 10 दिन तक का वक्त दिया गया । उन 10 दिनों में प्राधिकरण के सामने आपत्ति दाखिल कर दी थी। इसके बाद अगले 10 दिनों में प्राधिकारण अफसरों को आपत्तियों का उचित रीति से निस्तारण करना था।
इस समय सीमा और प्रक्रिया पूरी हो चुकी है नोएडा प्राधिकरण ने 2 अप्रैल से क्षेत्र में अभियान शुरू किया था । यह अभियान मई और जून में भी जारी रहा, अथॉरिटी ने तीन क्लब और 124 फार्म हाउस ध्वस्त किए हैं । इस क्षेत्र में अथॉरिटी ने सर्वे करवाया, जिसमें करीब 1000 फार्म हाउस सर्वे में चिन्हित करके अवैध घोषित किए गए।इन सब को ध्वस्त किया जाएगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने स्पष्ट कर दिया था कि फार्म हाउस अवैध है और यह कार्यवाही जारी रहेगी फार्म हाउस मालिकों की आपत्तियों का निस्तारण करने और खारिज करने के लिए प्राधिकरण में बकायदा कानूनी आधार आदेश तैयार किए गए हैं। इसके लिए वित्त विभाग से भी सलाह दी गई है, अथॉरिटी की ओर से ध्वस्तीकरण के लिए जारी सार्वजनिक नोटिस एनजीटी के नियमों का उल्लंघन, डिजास्टर मैनेजमेंट, के नियम का उल्लंघन एनवायरमेंट प्रोटक्शन एक्ट के उल्लंघन और सिंचाई विभाग की गाइडलाइन के आधार पर आदेश तैयार हुए हैं।