AIN NEWS 1 दिल्ली: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनसे संबंधित छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं। राजीव कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावों के दौरान चुनाव आयोग की नीति रही है कि ईवीएम और मतदान प्रणाली पर कोई टिप्पणी नहीं की जाती, लेकिन अब इन मुद्दों पर बात करना जरूरी समझा जा रहा है।
राजीव कुमार ने यह भी बताया कि वीवीपीएटी (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) प्रणाली से लैस ईवीएम मतदान प्रणाली की सटीकता को और अधिक मजबूत करती है। वीवीपीएटी प्रणाली के तहत हर वोट के बाद एक पर्ची निकलती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि वोटर ने सही प्रत्याशी को चुना है। इस प्रणाली से वोटिंग की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि पुराने पेपर बैलट की वापसी पूरी तरह से अनुचित होगी। उन्होंने बताया कि पेपर बैलट से मतदान प्रक्रिया धीमी हो जाएगी और चुनाव परिणामों की घोषणा में काफी समय लगेगा। इसके अलावा, पेपर बैलट प्रणाली में धांधली की संभावनाएं भी अधिक होती हैं, जो ईवीएम के मुकाबले कहीं ज्यादा जोखिमपूर्ण हैं।
राजीव कुमार ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का उपयोग भारत में अब तक के सभी चुनावों में सफलतापूर्वक किया गया है। यह प्रणाली समय की बचत करती है और चुनाव प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाती है। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपीएटी की सुरक्षा को लेकर कई उपाय किए हैं, जिससे इन्हें छेड़छाड़ से बचाना सुनिश्चित हो सके।
चुनाव आयोग का यह भी कहना है कि ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों को सही साबित करने के लिए अब तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल सके हैं। आयोग ने यह भी बताया कि इस प्रकार के आरोपों से चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर अनावश्यक असर पड़ता है, जबकि ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सभी मानकों का पालन किया जाता है।
राजीव कुमार के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि ईवीएम और मतदान प्रणाली को लेकर उठने वाले सवालों का कोई वैज्ञानिक और वास्तविक आधार नहीं है। चुनाव आयोग पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से चुनावों का आयोजन करता है और देशवासियों को सही और निष्पक्ष मतदान सुविधा प्रदान करता है।