Chief Imam Umer Ahmed Ilyasi Urges Muslims to Respect Religious Harmony and Eid al-Adha Rules
बकरीद पर चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी का बड़ा संदेश: ‘कुर्बानी दिखावे के लिए नहीं, आस्था और मर्यादा का प्रतीक है’
AIN NEWS 1: ईद अल अजहा (बकरीद) से पहले देश के मुसलमानों को ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख और चीफ इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने इस पर्व को आस्था, शांति और नियमों के अनुसार मनाने की अपील की है।
त्योहार का सही नाम और उसका महत्व
डॉ. उमर अहमद इलियासी ने कहा कि इसे सिर्फ ‘बकरीद’ कहना सही नहीं है। इसका असली नाम ईद-उल-अजहा है, जो त्याग, समर्पण, बलिदान और आज्ञाकारिता का प्रतीक है। यह त्योहार इस्लामी परंपरा में एक बड़ी अहमियत रखता है, जिसमें पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के प्रति निष्ठा और बलिदान को याद किया जाता है।
भारत की धार्मिक विविधता का सम्मान करें
इमाम इलियासी ने यह भी कहा कि भारत एक सेक्युलर देश है, जहां सभी धर्मों के लोग आपसी सद्भाव से रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि त्योहार मनाते वक्त दूसरे धर्मों की भावनाओं का भी सम्मान किया जाए। खासतौर से हिंदू और जैन धर्म के अनुयायियों की आस्था को देखते हुए सावधानी बरतना अनिवार्य है।
कुर्बानी उन्हीं जानवरों की करें जिनकी इजाजत है
डॉ. इलियासी ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम समुदाय को सिर्फ उन्हीं जानवरों की कुर्बानी करनी चाहिए, जिनकी भारत सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें, क्योंकि इससे समाज में तनाव उत्पन्न हो सकता है और कानून का उल्लंघन भी होता है।
निर्धारित स्थानों पर ही करें कुर्बानी
उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे सड़कों या खुले स्थानों पर कुर्बानी न करें। प्रशासन द्वारा निर्धारित कुर्बानी स्थलों पर ही जाकर यह धार्मिक कार्य करें। इससे न केवल सफाई बनी रहेगी बल्कि अन्य लोगों को असुविधा भी नहीं होगी।
साफ-सफाई और हाइजीन का रखें विशेष ध्यान
डॉ. इलियासी ने कहा कि कुर्बानी के दौरान खून बहना, गंदगी फैलना या आसपास बदबू आना, यह सब न केवल सामाजिक रूप से अनुचित है बल्कि धार्मिक रूप से भी गलत है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि कुर्बानी करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की असुविधा न होने दें।
पड़ोसियों की भावनाओं का ख्याल रखें
इमाम इलियासी ने विशेष तौर पर इस बात पर जोर दिया कि अगर आपके मोहल्ले में हिंदू या जैन पड़ोसी ज्यादा हैं तो उनकी आस्था का सम्मान करना चाहिए। अगर हम उनके धर्म और भावनाओं की परवाह करेंगे, तभी वे भी हमारे धर्म और परंपराओं को सम्मान देंगे। यही भारत की “अनेकता में एकता” की खूबसूरती है।
कुर्बानी के वीडियो और फोटो न बनाएं
इस बकरीद पर एक और जरूरी अपील करते हुए डॉ. इलियासी ने कहा कि जानवरों की कुर्बानी का फोटो या वीडियो न बनाएं और न ही उन्हें सोशल मीडिया पर साझा करें। उन्होंने कहा, “कुर्बानी दिखावे का नाम नहीं है, यह अल्लाह के लिए है। यदि किसी की भावनाएं आहत होती हैं, तो हो सकता है कि अल्लाह भी उस कुर्बानी को कबूल न करे।”
धार्मिक अनुशासन और जिम्मेदारी का संदेश
अंत में उन्होंने कहा कि यह त्योहार आत्मा की परीक्षा का पर्व है, जिसमें हमें अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करके अल्लाह के प्रति अपनी आस्था को साबित करना होता है। त्योहार को भावनाओं और समझदारी के साथ मनाएं और समाज में शांति, भाईचारा और प्रेम का संदेश दें।
Chief Imam Umer Ahmed Ilyasi has issued an important message ahead of Eid al-Adha 2025, urging Muslims to follow government guidelines, avoid prohibited animal sacrifices, and maintain hygiene. He emphasized respecting the religious sentiments of Hindu and Jain neighbors and avoiding public display by refraining from uploading animal sacrifice videos on social media. His appeal aims to strengthen religious harmony and ensure that Eid al-Adha is observed with peace, cleanliness, and lawful conduct across India.