लखनऊ/यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अवैध झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने मुख्य स्वास्थ्य सचिव को निर्देशित किया है कि प्रदेश में फैले झोलाछाप डॉक्टरों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए।
झोलाछाप डॉक्टरों का बढ़ता नेटवर्क
प्रदेश में अवैध डॉक्टरों, मेडिकल पैथोलॉजी लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटर का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। ये झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी मान्यता के गरीब और मासूम जनता का इलाज कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, लोग गलत दवाइयों के सेवन के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे कि लीवर और किडनी में खराबी। खासकर मौसमी बीमारियों के समय में यह समस्या और भी बढ़ जाती है।
कार्रवाई का दायरा
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) और उपजिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में एक भी झोलाछाप डॉक्टर नहीं रहना चाहिए। इसके लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। अवैध क्लीनिकों को सील करने और झोलाछाप डॉक्टरों को जेल में डालने के लिए यह अभियान दिन-रात चलाने की आवश्यकता है।
अभियान की समयसीमा
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से अक्टूबर और नवंबर के महीनों में इस अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा है कि इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर संपन्न किया जाए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके और लोगों को बेहतर उपचार मिल सके।
स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य गरीब जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ यह मुहिम न केवल अवैध चिकित्सा प्रथाओं को रोकने में मदद करेगी, बल्कि लोगों को सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा सेवा प्रदान करने में भी सहायक सिद्ध होगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को सही और सुरक्षित उपचार उपलब्ध होगा। झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ इस सख्त कार्रवाई से जनता का विश्वास बढ़ेगा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा मिलेगी।