AIN NEWS 1: गाजियाबाद में हाल ही में एक बच्चा चोरी गैंग का खुलासा हुआ है, जिसके बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस ने इस मामले में चार महिलाओं समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं, जो इस गैंग के घिनौने कामकाज को उजागर करती हैं।
गैंग की साजिश: जन्म से पहले ही तय होता था सौदा
पुलिस की जांच में सामने आया है कि गैंग बच्चे की चोरी करने से पहले ही उस पर निगरानी रखता था। कुछ मामलों में तो बच्चे के जन्म से पहले ही उसका सौदा तय कर लिया जाता था। गैंग के सदस्य बच्चे के स्वास्थ्य और उसके वैक्सीनेशन पर भी ध्यान रखते थे।
सुलेखा की मंजूरी के बाद ही आगे बढ़ती थी योजना
बच्चे की चोरी के बाद गैंग सुलेखा को वीडियो कॉल के जरिए बच्चे का हाल दिखाता था। सुलेखा की मंजूरी मिलने के बाद ही बच्चे को बेचने की योजना बनाई जाती थी। हाल ही में एमएमजी अस्पताल से चोरी हुए बच्चे निहाल के मामले में भी ऐसा ही हुआ था। सुलेखा ने बच्चे को वीडियो कॉल पर देखा और उसके बाद ही उसे बेचने की प्रक्रिया आगे बढ़ी।
पुलिस की कार्रवाई और नए खुलासे
5 अगस्त को एमएमजी अस्पताल के पास से चोरी हुए बच्चे के मामले में पुलिस ने चार महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि इस मामले में चार अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए हैं। गैंग द्वारा चोरी किए गए बच्चे को दिल्ली में खोजने के लिए पुलिस की टीम काम कर रही है।
आरोपियों का संपर्क और साजिश
पुलिस के अनुसार, आरोपी महरौली में निहाल के माता-पिता विक्की और सृष्टि के साथ किराए पर रहते थे। विक्की की मां ने बताया कि आरोपी फूलबाई और उसकी बेटी ने उनकी बहू सृष्टि से उसकी डिलिवरी के आसपास अधिक संपर्क बढ़ा लिया था। फूलबाई ने सृष्टि को अस्पताल भेजने के लिए अपनी बेटी कविता को भी भेजा था।
इस खुलासे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गैंग न केवल बच्चों को चुराता था, बल्कि उनके स्वास्थ्य और उनके परिवार की गतिविधियों पर भी नजर रखता था। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्य और उनके कार्यों का पता लगाने में जुटी है।