AIN NEWS 1 | गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित श्रीरामकथा के समापन समारोह को संबोधित करते हुए एक स्पष्ट और तीखा संदेश दिया—जो राम विरोधी हैं, उनकी दुर्गति निश्चित है। उन्होंने यह बात गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में श्रीरामकथा एवं भारतीय आस्था की रक्षा के संकल्प के तहत रखी।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब तक भारत में राम, कृष्ण और शिव की पूजा होती रहेगी, तब तक देश की एकता अडिग रहेगी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि डॉ. लोहिया के अनुयायी आज उन्हीं रामभक्तों पर हमला कर रहे हैं जिनका सम्मान कभी लोहिया करते थे।
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शंकर केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि इन कथाओं का सम्मान करना और उनका प्रचार-प्रसार करना हर भारतीय का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रामायण जैसे धारावाहिकों की लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि भारत में रामकथा केवल परंपरा नहीं, बल्कि जन-आस्था का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान सबसे ज़्यादा देखा गया कार्यक्रम रामायण था, जो हमारी सांस्कृतिक जड़ों की मजबूती को दर्शाता है।
सनातन धर्म को केवल उपासना नहीं, बल्कि जीवन जीने की पद्धति बताते हुए उन्होंने मुस्लिम महिला अधिवक्ता का उदाहरण दिया, जिन्होंने कहा था, “मेरी उपासना इस्लाम है लेकिन धर्म सनातन है।”
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है, और भारत दुनिया को यह संस्कृति सिखाने वाला देश रहा है। उन्होंने भगवान वेदव्यास के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके कारण हमारी ज्ञान परंपरा पीढ़ियों तक संरक्षित हुई।
पौधरोपण, स्वच्छता, और इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों के उन्मूलन पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि विकास, पर्यावरण और स्वास्थ्य का संतुलन ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि जो बच्चे इंसेफेलाइटिस से बचे हैं, वे भविष्य में देश के लिए अमूल्य योगदान देंगे।
कार्यक्रम में कई संत, नेता और श्रद्धालु उपस्थित रहे। श्रीरामकथा का समापन मुख्यमंत्री की आरती के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने व्यासपीठ पर विराजमान श्रीरामचरितमानस की पूजा कर कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज का आभार व्यक्त किया।
During Guru Purnima celebrations, CM Yogi Adityanath strongly stated that those who oppose Lord Ram will inevitably face ruin. He highlighted Sanatana Dharma as the soul of India and invoked historical figures like Dr. Ram Manohar Lohia to support the cultural unity rooted in Lord Ram, Krishna, and Shiva. Emphasizing the popularity of Ramayan during the COVID-19 lockdown, CM Yogi reinforced the spiritual and moral fabric of Indian society, warning against rising negativity and urging citizens to embrace their heritage.