AIN NEWS 1 Corona: जैसा कि आप सभी जानते है अभी कुछ साल भर पहले ही करोना का प्रकोप हम सभी ने मिलकर झेला है अब एक बार फिर से कोरोना अपना प्रकोप बढ़ाने लगा है. पहले भी इसी प्रकार से ठंड के बाद ही अचानक से इसके केस बढ़ गए थे. ऐसे में हमारी केंद्र सरकार ने अब देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी अलर्ट रहने के लिए कह दिया है. कोरोना के ये मामले ऐसे समय में बढ़ रहे हैं जब के देश में त्योहार का टाइम है. क्रिसमस और नए साल के जश्न में सभी लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते ही हैं. अगर इस दौरान कोरोना के मामले बढ़े तो इसके काफ़ी तेजी से फैलने का खतरा बना हुआ है. इस पर भी अब ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. यहां हम आपको बता दें, दिल्ली से भेजे गए एक पत्र में कोविड-19 के बढ़ते मरीजों और जेएन.1 वेरिएंट का मामला (Covid variant JN.1 in Kerala) सामने आया है जिसके मद्देनजर अब लगातार निगरानी बनाए रखने को कहा गया है. इस पूरे मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने भी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से साफ़ कह दिया है कि केंद्र और राज्य सरकारों के लगातार मिलकर ही काम करने से हम कोरोना के मामलों को काफ़ी हद तक कम करने में सफल रहे. हालांकि यहां हम बता दें कोविड-19 वायरस का प्रकोप भी अभी जारी है इसलिए सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उस तेजी को भी बनाए रखना काफ़ी महत्वपूर्ण है.
अब जान ले कोरोना पर केंद्र की एडवाइजरी में अब क्या है?
यहां हम बता दें हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में इस कोरोना के मरीजों की संख्या में मामूली सी वृद्धि हुई है.
भारत में भी कोविड-19 के सब-वेरिएंट जेएन.1 का ही पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में ही सामने आया. इससे पहले, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का ही एक यात्री सिंगापुर में जेएन.1 स्वरूप से पूरी तरह संक्रमित मिला था.
केंद्र सरकार ने कहा है कि आगामी त्योहारी सीजन को पूरी तरह से ध्यान में रखते हुए राज्यों को कोरोना फैलने के जोखिम को कुछ हद तक कम करने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपाय और दूसरी व्यवस्थाएं भी करनी चाहिए.
सभी राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के लिए साझा की गई संशोधित निगरानी रणनीति को लेकर उसके विस्तृत दिशानिर्देशों का प्रभावी तरीके से पालन ज़रूर करें.
स्वास्थ्य सचिव ने केस का जल्द पता लगाने के लिए अब इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के जिला आधारित मामलों की भी नियमित आधार पर निगरानी और रिपोर्ट करने को कहा गया है.
सभी राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में अब कोविड-19 जांच दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त टेस्टिंग को भी सुनिश्चित करें.
आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच भी अब लगातार जारी रखें.
इस पंत ने पत्र में आरटी-पीसीआर जांच की संख्या को बढ़ाने और भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम प्रयोगशालाओं में भी जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए संक्रमित पाए गए नमूने भेजने की आवश्यकता पर भी अपना जोर दिया जिससे देश में नए स्वरूप का समय पर ही पता लगाया जा सके.
जान ले आख़िर जेएन क्या मुसीबत है?
यहां हम आपको बता दें सब-वेरिएंट जेएन.1 (बीए.2.86.1.1) इसी साल 2023 के अंत में ही सामने आया. यह सार्स सीओवी-2 के बीए.2.86 (पिरोला) समूह से भी संबंधित है. अमेरिका, चीन, सिंगापुर और भारत में जेएन.1 स्वरूप के कई मामले आए हैं. चीन से इस सब-वेरिएंट के सात मामले अभी तक सामने आए हैं. हालाकि इसके लक्षण सर्दी-जुकाम, सिर दर्द जैसे ही हैं. केसलोड की बात करें तो कुछ घंटे पहले तक यह भारत में एक्टिव कोरोना केस की संख्या 1800 के पार पहुंच गई थी और केरल में इससे एक मरीज की मौत हो चुकी है.