Friday, January 3, 2025

डासना मंदिर बवाल: जुबेर से पूछताछ, यति नरसिंहानंद विवाद पर बढ़ा मामला?

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AIN NEWS 1: गाजियाबाद के डासना मंदिर में 4 अक्टूबर को हुए विवाद के मामले में पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट मोहम्मद जुबेर से पूछताछ की। यह पूछताछ कविनगर थाने में बंद कमरे में हुई। जुबेर एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ वहां पहुंचे थे। मामला मंदिर समिति से जुड़ीं उदिता त्यागी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से संबंधित है।

क्या है मामला?

4 अक्टूबर को डासना मंदिर के बाहर करीब 3,000 लोगों की भीड़ ने यति नरसिंहानंद के बयानों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान बवाल और हंगामा हुआ। उदिता त्यागी ने जुबेर पर भड़काऊ पोस्ट और धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जुबेर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 152 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। हालांकि, जुबेर ने पहले ही कोर्ट से जमानत हासिल कर ली है।

यति नरसिंहानंद: विवादों के केंद्र में

यति नरसिंहानंद गिरी, शिव शक्तिधाम डासना मंदिर के पीठाधीश्वर और जूना अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर हैं। वह अक्सर अपने विवादास्पद बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। तीन महीने पहले उनके एक बयान के बाद प्रदेश भर में मुस्लिम समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। गाजियाबाद में डासना मंदिर का घेराव भी इसी का हिस्सा था।

पुलिस ने उस समय नरसिंहानंद को 15 दिनों तक अपनी निगरानी में रखा था। इसके बावजूद, विवादित गतिविधियां जारी रहीं।

धर्म संसद का विवाद

हरिद्वार में 19-21 दिसंबर के बीच आयोजित धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बयान दिए। पुलिस का कहना है कि इस धर्म संसद के लिए नरसिंहानंद ने एक वेबसाइट भी बनाई थी, जिसमें आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। इस मामले में साइबर थाने में एसआई ध्रुव नारायण ने केस दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार, यह सामग्री धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली है।

यति नरसिंहानंद का जीवन परिचय

यति नरसिंहानंद का असली नाम दीपक त्यागी है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक गांव में हुआ। हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मॉस्को से 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी में डिग्री हासिल की।

1997 में मां की बीमारी के चलते वह भारत लौटे। 1998 में भाजपा नेता बीएल शर्मा से मुलाकात के बाद उनका जीवन बदल गया। उन्होंने संन्यास लिया और अपना नाम बदलकर दीपेंद्र नारायण सिंह रखा। बाद में वे यति नरसिंहानंद गिरी बने।

2007 से वे डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं और फिलहाल जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर के तौर पर हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक व्यक्तित्वों में गिने जाते हैं।

डासना मंदिर बवाल और धर्म संसद के विवादों ने धार्मिक और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की जांच और कानूनी प्रक्रिया इन मामलों में क्या मोड़ लेगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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