AIN NEWS 1: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दौरान शिक्षा मॉडल को लेकर किए गए दावों का पर्दाफाश हो गया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बताया कि केजरीवाल सरकार ने स्कूलों में 20,000 नए क्लासरूम बनाने का दावा किया था, लेकिन जांच में यह संख्या सिर्फ 7,000 निकली। इतना ही नहीं, सरकार ने किचन, टॉयलेट और स्टोररूम तक को क्लासरूम गिन लिया था।
इसके अलावा, शिक्षा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के प्रचार पर अनाप-शनाप खर्च किए गए। ₹4 करोड़ की ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ योजना के प्रचार में ₹20 करोड़ फूंके गए, जबकि ₹49 लाख की ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ योजना के प्रचार में ₹11 करोड़ खर्च किए गए। यह खुलासे मौजूदा शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने किए हैं।
AAP सरकार का शिक्षा मॉडल: सच और झूठ का भंडाफोड़
आशीष सूद ने विधानसभा में बताया कि केजरीवाल सरकार ने शिक्षा मॉडल को लेकर जो आँकड़े प्रस्तुत किए थे, वे हकीकत से काफी अलग थे।
20,000 क्लासरूम का दावा: आम आदमी पार्टी सरकार ने बड़े स्तर पर प्रचार किया कि दिल्ली में 20,000 नए क्लासरूम बनाए गए हैं।
हकीकत: जांच में पाया गया कि वास्तविक संख्या सिर्फ 7,000 थी।
फर्जी गिनती: इन 7,000 कमरों में भी कई स्टोररूम, किचन और शौचालय थे, जिन्हें भी क्लासरूम बताकर आँकड़े बढ़ा दिए गए।
शिक्षा के नाम पर करोड़ों का दुरुपयोग
दिल्ली की शिक्षा नीति सिर्फ प्रचार तक सीमित रही, जबकि जमीन पर इसके नतीजे कुछ और ही थे।
1. हैप्पीनेस करिकुलम:
योजना की वास्तविक लागत: ₹4 करोड़
प्रचार पर खर्च: ₹20 करोड़
यानी प्रचार पर पांच गुना अधिक खर्च हुआ।
2. देशभक्ति पाठ्यक्रम:
योजना की वास्तविक लागत: ₹49 लाख
प्रचार पर खर्च: ₹11 करोड़
यह आंकड़े दिखाते हैं कि AAP सरकार ने शिक्षा को सुधारने के बजाय प्रचार पर ध्यान दिया और सरकारी धन का भारी दुरुपयोग किया।
स्कूल निर्माण घोटाला: ₹1300 करोड़ का घपला
यह पहली बार नहीं है जब AAP सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठे हैं। इससे पहले, स्कूलों के निर्माण में ₹1300 करोड़ के घोटाले का भी खुलासा हुआ था।
पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने उन एजेंसियों को भी पैसे दे दिए जिन्होंने कोई निर्माण कार्य किया ही नहीं।
इस मामले की शिकायत के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी दे दी है।
इस घोटाले की जाँच आगे बढ़ रही है और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
AAP सरकार के शिक्षा मॉडल की असलियत
AAP सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा मॉडल को लेकर बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही थी।
दिल्ली में मात्र 75 नए स्कूल बनाए गए।
पुराने स्कूलों को थोड़ा सुधारकर नया नाम देकर प्रचार किया गया।
स्कूलों में केवल पेंटिंग और मरम्मत करवाकर उसे उपलब्धि बताई गई।
यह साफ हो जाता है कि AAP सरकार की प्राथमिकता शिक्षा सुधार नहीं, बल्कि प्रचार और राजनीतिक लाभ था।
बीजेपी सरकार की नई योजना
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने घोषणा की है कि अब लोक निर्माण विभाग (PWD) को आदेश दिए जाएंगे कि वह सिर्फ वास्तविक क्लासरूम की गिनती करे, न कि किचन, टॉयलेट और स्टोररूम को।
भाजपा सरकार का दावा है कि वह दिल्ली के स्कूलों की स्थिति में सुधार लाएगी और शिक्षा पर किया गया प्रत्येक खर्च पारदर्शी होगा।
The Delhi education scam under the Kejriwal government has been exposed, revealing massive financial irregularities. The AAP government claimed to have built 20,000 classrooms, but only 7,000 were actually constructed, many of which included kitchens, toilets, and storerooms falsely counted as classrooms. Moreover, while the Happiness Curriculum cost just ₹4 crore, its promotion consumed ₹20 crore. Similarly, ₹49 lakh was spent on the Deshbhakti Curriculum, but a whopping ₹11 crore went into its publicity. Additionally, a ₹1300 crore scam in school construction has surfaced, implicating Manish Sisodia and Satyendar Jain. The BJP government has vowed to conduct strict audits and prevent further corruption in Delhi’s education sector.