Powered by : PIDIT KO NYAY ( RNI - UPBIL/25/A1914)

spot_imgspot_img

“दो घंटे की बारिश में ठप हो जाती है दिल्ली” – CJI गवई की टिप्पणी से क्यों गूंजा सुप्रीम कोर्ट?

spot_img

Date:

AIN NEWS 1 | बरसात का मौसम शुरू होते ही देश की राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और बुनियादी ढांचे की खामियां खुलकर सामने आ जाती हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा –
👉 “दिल्ली में सिर्फ दो घंटे की बारिश होती है और पूरा शहर लकवाग्रस्त हो जाता है।”

यह टिप्पणी उस वक्त सामने आई जब अदालत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामला केरल हाईकोर्ट के उस फैसले से जुड़ा था जिसमें खराब सड़क की वजह से टोल वसूली पर रोक लगा दी गई थी।

मामला क्या है?

सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई नेशनल हाईवे-544 से जुड़ी थी। यह हाईवे लगभग 65 किलोमीटर लंबा एडापल्ली-मेन्नुथी रोड है, जहां की हालत बेहद खराब बताई गई।

  • केरल हाईकोर्ट ने इस खराब सड़क के चलते त्रिशूर जिले के पेलियेक्कारा टोल बूथ पर टोल वसूली रोक दी थी।

  • हाईकोर्ट का कहना था कि जब सड़क ही सही हालत में नहीं है तो लोगों से टोल वसूली करना गलत है।

  • इसके खिलाफ NHAI और उसके साथ काम करने वाली गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियां

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई अहम बातें सामने आईं:

  1. लंबा ट्रैफिक जाम – कोर्ट को बताया गया कि इस हाईवे पर कभी-कभी 12 घंटे लंबा जाम लग जाता है।

  2. टोल शुल्क पर सवाल – CJI गवई ने पूछा कि जब लोगों को 1 घंटे का रास्ता तय करने में 12 घंटे लग रहे हैं, तो कोई 150 रुपये टोल क्यों देगा?

  3. जाम की वजह – NHAI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जाम एक लॉरी पलटने की वजह से लगा था।

  4. कोर्ट का जवाब – कोर्ट ने कहा कि लॉरी यूं ही नहीं पलटी, बल्कि सड़क पर गड्ढों की वजह से हादसा हुआ।

इस दौरान ही CJI गवई ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि “सिर्फ दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है।” उन्होंने यह टिप्पणी देशभर की सड़कों और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत पर कटाक्ष करते हुए की।

NHAI का पक्ष

NHAI की ओर से अदालत को बताया गया कि जिन जगहों पर अंडरपास का काम चल रहा है, वहां वैकल्पिक सड़कें बनाई गई हैं। लेकिन मानसून की वजह से अंडरपास निर्माण पर असर पड़ा है।

उनका तर्क यह था कि समस्या अस्थायी है और निर्माण पूरा होने के बाद सड़क की हालत बेहतर हो जाएगी। हालांकि, अदालत ने कहा कि जब तक सड़कें सही स्थिति में नहीं हैं, तब तक यात्रियों को टोल भरने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

दिल्ली का उदाहरण क्यों दिया गया?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक वकील ने ट्रैफिक जाम का मुद्दा उठाया था। इसी दौरान CJI ने कहा कि यह समस्या सिर्फ केरल की नहीं है, बल्कि दिल्ली जैसी बड़ी राजधानी भी बारिश के कुछ घंटों में ठप पड़ जाती है।

यह टिप्पणी सीधे तौर पर यह दिखाती है कि देश में बुनियादी ढांचे (Infrastructure) की गुणवत्ता कितनी कमजोर है। दिल्ली, जो देश की राजधानी है और जहां सबसे ज्यादा संसाधन मौजूद हैं, वहां भी लोग जलभराव और ट्रैफिक की समस्या से जूझते हैं।

लोगों पर असर

खराब सड़कें और लंबा जाम सिर्फ समय की बर्बादी नहीं है, बल्कि इससे आम नागरिकों को कई तरह की दिक्कतें होती हैं:

  • एंबुलेंस और इमरजेंसी सेवाओं में देरी

  • ईंधन और पैसे की बर्बादी

  • मानसिक तनाव और गुस्सा

  • हादसों का खतरा बढ़ना

जब लोग टोल टैक्स भरते हैं तो उनकी उम्मीद होती है कि उन्हें बेहतर सड़कें और तेज़ सफर मिलेगा। लेकिन हकीकत अक्सर इसके उलट निकलती है।

विशेषज्ञों की राय

शहरी विकास और ट्रैफिक विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में समस्या केवल बारिश या दुर्घटनाओं की नहीं है। असली मुद्दा है –

  1. योजना की कमी – सड़क निर्माण और रखरखाव में लंबी अवधि की योजना नहीं बनाई जाती।

  2. गुणवत्ता पर समझौता – अक्सर ठेकेदार सस्ती सामग्री का इस्तेमाल कर काम जल्दी खत्म कर देते हैं।

  3. मॉनसून में कुप्रबंधन – बरसात आते ही हर साल वही हालात सामने आते हैं, लेकिन ठोस समाधान नहीं निकलता।

सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है और अब फैसला सुरक्षित रखा गया है। यानी आने वाले दिनों में यह तय होगा कि NHAI को खराब सड़क होने के बावजूद टोल वसूलने का अधिकार मिलेगा या नहीं।

लेकिन इस बीच अदालत की यह टिप्पणी जरूर चर्चा में है कि दिल्ली जैसे शहर में भी दो घंटे की बारिश से जिंदगी ठप हो जाती है।

यह मामला सिर्फ केरल के एक हाईवे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के बुनियादी ढांचे की खामियों को उजागर करता है। अगर राजधानी दिल्ली ही थोड़ी सी बारिश में जाम और जलभराव से जूझ सकती है, तो छोटे शहरों और गांवों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी सरकार और एजेंसियों के लिए एक बड़ा सबक है कि अब समय आ गया है जब सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता पर गंभीरता से काम किया जाए।

spot_img
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img

Share post:

New Delhi
clear sky
28.5 ° C
28.5 °
28.5 °
75 %
3.9kmh
3 %
Wed
35 °
Thu
36 °
Fri
35 °
Sat
32 °
Sun
30 °
Video thumbnail
Rahul Gandhi झूठ की खुल गई पोल, बुरी फंसी कांग्रेस अब क्या करेंगे खरगे? Gaurav Bhatia ने खोल दी पोल
11:20
Video thumbnail
Rajyasabha में Mallikarjun Kharage ने खोया आपा, जैसे ही उठे JP Nadda भाग खड़ा हुआ विपक्ष!
04:32
Video thumbnail
LIVE: Sambit Patra hits back at Rahul Gandhi Tejashwi over ‘Vote Chori’ Claim | Election Commission
21:44
Video thumbnail
LIVE: Sambit Patra hits back at Rahul Gandhi Tejashwi over ‘Vote Chori’ Claim | Election Commission
00:00
Video thumbnail
मोदी मंदिर मोदीनगर में जनमाष्टमी पर उमड़ा जनसैलाब | Janmashtami 2025
00:20
Video thumbnail
लालकिले से भाषण के आखिरी में अचानक PM मोदी ने दिया ऐसा तगड़ा बयान, CJI भी दंग ! Modi Speech
16:44
Video thumbnail
Narendra Modi Speech Live : लाल किले से मोदी लाइव | 79th Independence Day |
02:43:27
Video thumbnail
दिवाली पर भारत में कुछ बड़ा होगा... सबके सामने लाल किले से PM मोदी ने किया तगड़ा ऐलान !
16:29
Video thumbnail
भरे सदन में Raghuraj Pratap Singh ने ऐसा क्या बोल दिया तुरंत कागज पर नोट करने लगे CM Yogi ! UP News
09:01
Video thumbnail
CM Yogi UP Vidhan Sabha Speech: विधानसभा में CM योगी से भिड़ गए Mata Prasad Pandey, जमकर बहस
09:44

Subscribe

spot_img
spot_imgspot_img

Popular

spot_img

More like this
Related