AIN NEWS 1: ट्रैवल, फाइनेंशियल सर्विस, मनोरंजन, कंस्ट्र्क्शन जैसे सेक्टर्स में भारतीय सर्विस की मांग विदेश में लगातार बढ़ रही है। इसके असर से देश के सर्विस निर्यात में भी लगातार तेजी दर्ज की जा रही है। भारतीय सर्विस की विदेश में बढ़ती डिमांड को देखते हुए ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि 2030 तक भारत का सर्विस निर्यात 800 अरब डॉलर का हो जाएगा। 2005 में वैश्विक सर्विस निर्यात में भारत की हिस्सेदारी दो परसेंट थी जो 2023 में बढ़कर 4.6 फीसदी हो गई जबकि इस दौरान भारत के गुड्स एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी एक फीसदी से बढ़कर 1.8 परसेंट ही हो पाई है।
सर्विस एक्सपोर्ट में चुनिंदा सेक्टर्स का दबदबा
सर्विस एक्सपोर्ट के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद इसमें चुनिंदा सेक्टर्स का ही दबदबा है। देश के सर्विस निर्यात में कंप्यूटर, कम्यूनिकेशन और इंफोर्मेशन सर्विस की हिस्सेदारी 40 फीसदी से ज्यादा है। 2023 में सर्विस निर्यात 2022 के मुकाबले में 11.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 345 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। सर्विस निर्यात बीते कुछ बरसों से औसतन सालाना 11 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। पिछले साल 345 अरब डॉलर के सर्विस निर्यात में कंप्यूटर, संचार और सूचना सर्विस की हिस्सेदारी 162.59 अरब डॉलर रही। 2022 में 310 अरब डॉलर का सर्विस निर्यात किया गया था जिसमें संचार और कंप्यूटर की हिस्सेदारी 144.8 अरब डॉलर थी।
ट्रैवल सर्विस का निर्यात 50.69% बढ़ा
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में ट्रैवल सर्विस का निर्यात 50.69 फीसदी बढ़ा जबकि फाइनेंशियल सर्विस में 16.46 परसेंट, कंस्ट्रक्शन में 21.01 फीसदी और रखरखाव-रिपेयर सेवा में 6.26 परसेंट की बढ़ोतरी हुई। वहीं दूसरी तरह के बिजनेस सर्विस के निर्यात में 2023 में 17.73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और बौद्धिक संपदा के इस्तेमाल से जुड़े सर्विस निर्यात में 30 परसेंट का इजाफा हुआ। भारत के पक्ष में एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि सर्विस आयात सर्विस निर्यात से कम है। 2023 में सर्विस आयात 248 अरब डॉलर का रहा जो 2022 से 0.4 फीसदी कम है। 2023 में चीन के सर्विस निर्यात में 10 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई। खास बात है कि मध्य पूर्व के देशों में भारतीय वित्तीय प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ रही है। इंश्योरेंस और पेंशन सर्विस के निर्यात में भी काफी संभावनाएं नजर आ रही हैं।